पराग अग्रवाल
जसपुर (महानाद) : भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) के निर्देशानुसार पूरे उत्तराखंड में अलग-अलग ब्लॉक स्तर पर किसान संगठनों ने एमएसपी गारंटी कानून सहित अन्य मांगों को लेकर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नाम एक ज्ञापन जसपुर एसडीएम सीमा विश्वकर्मा को सौंपा।
बता दें कि भाकियू नेता ब्लॉक अध्यक्ष अमनप्रीत सिंह एवं जागीर सिंह के नेतृत्व में किसानों ने जसपुर अनाज मंडी में एकत्र होकर एमएसपी गारंटी कानून सहित 11 बिंदुओं पर विचार विमर्श करते हुए मांग पत्र तैयार किया। इसी बीच प्रदेश वरिष्ठ उपाध्यक्ष प्रेम सिंह सहोता ने कहा कि किसान आंदोलन के समय प्रधानमंत्री मोदी ने जिन शर्तों के साथ आंदोलन समाप्त करवाया था, वह मांगे सरकार ने अभी तक किसानों की पूरी नहीं की और ना ही अब तक सरकार ने किसानों के साथ कोई बैठक की है। इसके चलते पूरे प्रदेश में किसान संगठनों ने एमएसपी गारंटी कानून सहित 11 विभिन्न मांगों को लेकर सीएम धामी के नाम एक ज्ञापन जसपुर एसडीएम सीमा विश्वकर्मा को सौंपा। किसान नेताओं ने ज्ञापन में बताया कि अगर सरकार ने किसानों द्वारा की गई मांगों पर गौर नहीं किया गया तो भारतीय किसान यूनियन 20 दिन बाद देहरादून सचिवालय का घेराव करने के लिए मजबूर होगी।
11 बिंदुओं के मांग पत्र पर एक नजर –
1- प्रदेश व देश में एमएसपी की गारन्टी कानून लागू किया जाये, किसानों की सभी फसलों को एमएसपी के दायरे में शामिल किया जाये।
2- महंगाई के बढ़ने से किसान परेशानी की हालत में है, इसलिए गन्ने का मूल्य 500 रुपये प्रति कुन्टल किया जाये। पर्वतीय किसानों की चकबन्दी होनी चाहिये।
3- फसलों की ट्रांसपोर्ट का खर्चा मण्डी पहुँच का सरकार द्वारा दिया जाना चाहिये।
4- जंगली जानवरों व आवारा पशुओं से सरकार किसानों को निजात दिलवाये और जंगल के किनारे जानवरों को रोकने के लिए इलैक्ट्रॉनिक तारबाड़ की जाये ।
5- प्रदेश में ट्यूबवैलों के बिजली बिल फ्री हो और घरेलू मीटरों का बिल 50 पैसे प्रति यूनिट होना चाहिए।
6- किसान आन्दोलन के दौरान सरकार द्वारा किसानों पर लगाये गये सभी मुकदमे वापिस हों।
7- धान की खरीद एक अक्टूबर से चालू हो और क्रय केन्द्र आरएफसी व एफसीआई के ही लगाये जाये और कच्चे आढ़तियों द्वारा भी धान खरीद सुचारू रूप से करवाई जाये।
8- सभी एमएलए व एमपी का बढ़ाया हुआ वेतन तत्काल प्रभाव से वापिस हो।
9- प्रदेश में सीपीयू द्वारा अत्याचार रुकना चाहिये और चालान की राशि 100 या 200 रुपये ही होना चाहिये।
10- गन्ना चीनी मिलें नवम्बर के पहले सप्ताह ही चलनी चाहिए ताकि गन्ना बाहर जाने से बच सके समय से किसान गेंहू की बुवाई कर सके।
11- बिजली के प्राईवेट मीटर नहीं लगने चाहिये इन्हें तुरंत रुकवाया जायें ताकि जनता व किसानों को राहत मिल सके।
प्रदर्शन कर ज्ञापन सौंपने वालों में चौ. किशन सिंह, शीतल सिंह, जागीर सिंह, अरुण कुमार शर्मा, प्रेम सिंह सहोता संजय कुमार, दीदार सिंह, परगट सिंह, मनजीत सिंह, रणधीर सिंह, धर्म सिंह, बलविंदर सिंह, गुरनाम सिंह, अनीस अहमद, रूपेश सिंह, देवेंद्र सिंह, राजा सिंह, जगजीत सिंह भुल्लर आदि किसान शामिल रहे।