उत्तराखंड में जहां एक और पुरोला में स्थिति तनावपूर्ण है। वहीं लालकुआं से बड़ी खबर आ रही है। यहां बिन्दुखत्ता में आज बुधवार को हजारों लोगों का जनसैलाब उमड़ पड़ा। लोगों ने बिंदुखत्ता को राजस्व गांव घोषित करने और अतिक्रमण की सूची से बाहर करने की मांग को लेकर हजारों लोगों ने विशाल प्रर्दशन किया है। इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने नेताओं पर वादाखिलाफी का आरोप लगाया है।
बिंदुखत्ता संघर्ष समिति द्वारा प्रस्तावित राजस्व गांव एवं बिंदुखत्ता को अतिक्रमण क्षेत्र की सूची से हटाने की मांग को लेकर बुधवार को तेज धूप के बीच हजारों लोगों ने मोर्चा खोल दिया। बताया जा रहा है कि पहले काररोड स्थित जड़ सेक्टर में स्कूल परिसर में बिन्दुखत्ता के हजारों लोग एकत्र हुए। जिन्होंने बिंदुखट्टा को राजस्व गांव बनाने की मांग की राज्य सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। इस दौरान जड़ सेक्टर में आयोजित सभा को संबोधित करते हुए वक्ताओं ने कहा की विधायक व सांसद ने बिंदुखत्ता को राजस्व गांव बनाने का वादा कर वोट बटोरे थे, लेकिन सरकार बनने के बाद बिंदुखत्ता को अतिक्रमित सूची में शामिल कर दिया।
इसके बाद बिन्दुखत्ता राजस्व गांव बनाए जाने की मांग को लेकर जड़ सेक्टर से रैली की शक्ल में तब्दील हुआ भारी हुजूम जनसैलाब बनकर तहसील परिसर में पहुंचा। जुलूस का एक सिरा जड़ सेक्टर तो दूसरा सिरा लालकुआं नगर पहुंच गया था, इस दौरान प्रदर्शनकारी बिंदुखत्ता को राजस्व गांव बनाओ के नारे लगा रहे थे। वहीं तहसील में प्रदर्शनकारियों ने उप जिलाधिकारी मनीष कुमार सिंह के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजा है।
प्रदर्शनकारियों ने कहा कि दुखत्ता के लोग पिछले कई दशकों से यहां निवास कर रहे हैं. यहां की आबादी करीब एक लाख है। ज्यादातर यहां पर सैनिक और पूर्व सैनिकों के परिवार रहते हैं। लेकिन सरकार इसे अतिक्रमण बता रहा है। विधायक और राज्य सरकार बिन्दुखत्ता को राजस्व गांव जल्द से जल्द बनाते हैं तो वह उनका पूरा सम्मान करेंगे लेकिन यदि जनता को बरगलाया गया तो उसका जवाब आगामी लोकसभा चुनाव 2024 और आगामी विधानसभा चुनाव 2027 में मिलेगा।
वहीं उप जिला अधिकारी मनीष कुमार ने भी जनता के समक्ष पिछले दिनों सोशल मीडिया में बिन्दुखत्ता को लेकर वायरल हुए पत्र को लेकर स्पष्ट कहा गया उस पत्र की जांच की जा रही है कि किन परिस्थितियों में वह वायरल हुआ है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने भी स्पष्ट कहा है कि जो पुरानी बसावट हैं उन को नियमित करने के सरकार प्रयास कर रही है तो ऐसे में बिंदुखत्ता को अतिक्रमण कहा जाना गलत है।