नई दिल्ली (महानाद) : एनडीए ने पश्चिमी बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ को अपना उपराष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाया है। भाजपा संसदीय बोर्ड की बैठक में यह फैसला लिया गया। संसदीय बोर्ड की बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह सहित कई अन्य नेता मौजूद थे। जहां राष्ट्रपति पद के लिए भाजपा ने आदिवासी महिला द्रौपदी मुर्मू को उतारा है तो उपराष्ट्रपति के लिए भाजपा ने जाट चेहरे जगदीप धनखड़ पर दांव लगाया है।
Kisan Putra Jagdeep Dhankhar Ji is known for his humility. He brings with him an illustrious legal, legislative and gubernatorial career. He has always worked for the well-being of farmers, youth, women and the marginalised. Glad that he will be our VP candidate. @jdhankhar1 pic.twitter.com/TJ0d05gAa8
— Narendra Modi (@narendramodi) July 16, 2022
एनडीए की तरफ से जगदीप धनखड़ को उपराष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाए जाने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर उन्हें बधाई देते हुए लिखा है कि किसान पुत्र जगदीप धनखड़ जी अपनी विनम्रता के लिए जाने जाते हैं। वह अपने साथ एक शानदार कानूनी, विधायी और गवर्नर करियर लेकर आए हैं। उन्होंने हमेशा किसानों, युवाओं, महिलाओं और वंचितों की भलाई के लिए काम किया है। खुशी है कि वह हमारे उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार बनाए गए हैं।
जगदीप धनखड़ –
जगदीप धनखड़ वर्तमान में पश्चिम बंगाल के राज्यपाल हैं। उनका जन्म 18 मई 1951 में हुआ था। वे राजस्थान के झूंझूनू के रहने वाले है। वह 1989 से 1991 तक भारत के केन्द्रीय मंत्री के पद पर रहें और इसी दौरान वह झुंझुनू से लोकसभा सांसद भी रहें। राजनीति में आने से पहले जगदीप घनखड़ पेशे से एक वकील थे।
बता दें कि जुलाई 2019 में राज्यपाल के रूप में पदभार संभालने के बाद से धनखड़ का पश्चिमी बंगाल की तृणमूल कांग्रेस सरकार के साथ लगातार टकराव होता रहा है। धनखड़ और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के बीच में रिश्ते कभी भी सामान्य नहीं रहे और कई मौकों पर दोनों के बीच का टकराव साफ नजर आया। कई मौकों पर तो ममता बनर्जी ने प्रोटोकॉल की भी अनदेखी की और उनका यह आचरण सियासी जगत में अक्सर चर्चा का विषय रहा।
उपराष्ट्रपति चुनाव शेड्यूल –
नमांकन की आखिरी तिथि – 19 जुलाई
मतदान की तिथि – 6 अगस्त
मतगणना की तिथि – 11 अगस्त
कैसे होता है उप राष्ट्रपति पद का चुनाव –
उप राष्ट्रपति चुनाव में सिर्फ राज्यसभा और लोकसभा के सांसद ही वोट डाल सकते हैं।उप राष्ट्रपति चुनाव में दोनों सदनों के 790 सदस्य हिस्सा लेते हैं। उप राष्ट्रपति पद के लिए चुनाव इलेक्शन अनुपातिक प्रतिनिधि पद्धति के आधार पर किया जाता है। इसमें खास तरह से वोटिंग होती है जिसे सिंगल ट्रांसफरेबल वोट सिस्टम कहते हैं। चुनाव में मतदाता को वोट तो एक ही देना होता है मगर उसे अपनी प्राथमिकता तय करनी होती है। जैसे पहली पसंद को 1, दूसरी पसंद को 2 और तीसरी पसंद को प्राथमिकता देना होता है।
चुनाव लड़ने के लिए क्या जरूरी?
उप राष्ट्रपति चुनाव में खड़े होने के लिए उम्मीदवार को कम से कम 20 संसद सदस्यों को प्रस्तावक और कम से कम 20 संसद सदस्यों को समर्थक के रूप में नामित कराना होता है। चुनाव लड़ने वाले सदस्य को संसद के किसी सदन का सदस्य नहीं होना चाहिए। अगर कोई संसद सदस्य उप राष्ट्रपति चुनाव लड़ना चाहता है तो उसे सदन की सदस्यता से इस्तीफा देना होगा। उपराष्ट्रपति प्रत्याशी बनने वाले 15,000 रुपये की जमानत राशि भी जमा करनी होती है।
उपराष्ट्रपति की शक्तियां –
उप राष्ट्रपति देश का दूसरा सर्वाेच्च पद होता है। देश का संविधान उपराष्ट्रपति को दोहरी भूमिका सौंपता है। पहली भूमिका कार्यपालिका के दूसरे मुखिया और दूसरी भूमिका है राज्यसभा के सभापति की होती है। उप राष्ट्रपति की जिम्मेदारी तब अहम हो जाती है, जब राष्ट्रपति का पद किसी वजह से खाली हो जाए। तब इस जिम्मेदारी को उप राष्ट्रपति को ही निभानी पड़ती है.
उपराष्ट्रपति को मिलता है कितना वेतन?
देश के उप राष्ट्रपति की सैलरी ‘संसद अधिकारी के सैलरी और भत्ते अधिनियम, 1953’ के तहत निर्धारित होता है। उप राष्ट्रपति को कोई सैलरी नहीं मिलती है। उप राष्ट्रपति ही राज्यसभा का सभापति भी होता है इसलिए सभापति के तौर पर उन्हें सैलरी और सुविधाएं दी जाती हैं।उप राष्ट्रपति को प्रतिमाह 4 लाख रुपये सैलरी मिलती है। इसके अलावा उन्हें कई तरह के भत्ते भी मिलते हैं।
देश में अब तक कुल कितने उप राष्ट्रपति रहे हैं?
डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन- 13 मई 1952 से 12 मई 1962 – 2 बार
डॉ. जाकिर हुसैन दृ13 मई 1962 से 12 मई 1967
वी.वी. गिरि दृ13 मई 1967 से 3 मई 1969
गोपाल स्वरूप पाठक -31 अगस्त 1969 से 30 अगस्त 1974
बी डी जत्तिदृ 31 अगस्त 1974 से 30 अगस्त 1979
एम हिदायतुल्ला- 31 अगस्त 1979 से 30 अगस्त 1984
आर वेंकटरमनदृ 31 अगस्त 1984 से 24 जुलाई 1987
डॉ. शंकर दयाल शर्मा- 3 सितम्बर 1987 से 24 जुलाई 1992
केआर नारायणनदृ 21 अगस्त 1992 से 24 जुलाई 1997
श्री कृष्णकांत दृ 21 अगस्त 1997 से 27 जुलाई 2002
भैरों सिंह शेखावतदृ 19 अगस्त 2002 से 21 जुलाई 2007
मोहम्मद हामिद अंसारी-11 अगस्त 2007 से 10 अगस्त 2017 – दो बार
एम. वेंकैया नायडू- 11 अगस्त 2017 से अब तक