महानाद डेस्क : बरेली में रेप का फर्जी मुकदमा दर्ज करवाकर युवक को जेल भिजवाने के मामले में न्यायाधीश ज्ञानेंद्र त्रिपाठी की कोर्ट ने ऐतिहासिक फैसला सुनाते हुए निर्दाेष युवक अजय को बरी कर दिया और अजय के जेल काटने की अवधि 4 वर्ष 6 माह 8 दिन की कैद की सजा युवती को सुनाते हुए उस पर 5 लाख 88 हजार 822 रुपये 47 पैसे का जुर्माना भी लगाया है।
फैसेल की जानकारी देते हुए एडीजीसी काइम सुनील पांडेय ने बताया कि थाना बारादरी में 2 सितंबर 2019 को युवती की मां ने थाने में तहरीर देकर बताया कि बरेली के नेकपुर, सुभाषनगर में रहने वाला अजय उर्फ राघव और उसकी बेटी झांकी बनाने का काम साथ-साथ करते थे। 29 अगस्त 2019 को अजय उसकी बेटी को भगा ले गया। बारादरी पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर युवती को बरामद कर लिया। उस समय युवती ने कलमबंद बयान में अजय पर नशीला प्रसाद खिलाकर दिल्ली में बंधक बनाकर रेप करने के गंभीर आरोप लगाये थे। जिसके बाद पुलिस ने आरोपी अजय को जेल भेज दिया था।
रेप केस की सुनवाई फास्ट ट्रैक जज निर्दाेष कुमार की कोर्ट में चल रही थी। युवती ने 13 अक्तूबर 2023 को कोर्ट में आरोपी अजय के खिलाफ डटकर बयान दिये थे। 8 फरवरी 2024 को बहस के दौरान युवती अपने बयानों से पूरी तरह से मुकर गयी और बोली कि मैं अनपढ़ हूं। पढ़ना-लिखना नहीं जानती हूं, जबकि कलमबंद बयान में युवती ने अंग्रेजी में हस्ताक्षर किये थे। वह बोली अजय ने उसके साथ रेप नहीं किया था। कलमबंद बयान मैंने पुलिस के दबाव में दिया था।
बयानों से मुकरने पर कोर्ट ने युवती से सवाल किये तो वह बोली कि वह आज जो बयान दे रही है, वह सही है। पहले उसने गलत बयान दिया था। जिस पर फास्ट ट्रैक जज निर्दाेष कुमार ने कोर्ट में शपथ लेकर गलत बयान देने पर युवती को न्यायिक हिरासत में लेकर उसके खिलाफ केस दर्ज करने के आदेश दे दिए। कोर्ट के पेशकार विनोद बिहारी माथुर ने युवती के खिलाफ केस दर्ज किया। इसके बाद उसे सीजेएम कोर्ट में उसे पेश किया गया। वहां से उसे न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया। जज ने युवती को उतने दिन की सजा सुनाई है जितनी अजय अब तक भुगत चुका है। वहीं उस पर 5 लाख 88 हजार 822 रुपये 47 पैसे का जुर्माना भी लगाया है।