आकाश गुप्ता
काशीपुर (महानाद) : राज्य के बहुचर्चित वीडीओ, वीपीडीओ परीक्षा पेपर लीक मामले को लेकर आज सैंकड़ों की संख्या में बेरोजगार युवाओं ने भाजपा विधायक त्रिलोक सिंह चीमा के निवास पर पहुंच कर अपनी पीड़ा सुनायी।
एक बड़े जूलूस की शक्ल में नारेबाजी करते बेरोजगार युवक युवतियों ने विधायक त्रिलोक सिंह चीमा से इस भर्ती परीक्षा को रद्द करने की मांग की है। युवाओं ने इस बात पर आक्रोश जताया कि इतने बड़े भ्रष्टाचार के सामने आने के बावजूद परीक्षा को मुख्यमंत्री द्वारा रद्द करने की कार्रवाई नहीं की गई है, जो कि बेरोजगारों के साथ अन्याय है। युवाओं ने कहा कि उनके पास 15-15 लाख रुपये नहीं है जो कि वह देकर नौकरी हासिल कर सकें।
विधायक को सौंपे ज्ञापन में बेराजगारों ने कहा कि अधीनस्थ सेवा चयन आयोग द्वारा आयोजित विभिन्न परीक्षाओं में धांधलेबाजी और पेपर लोक के मामले सामने आ रहे हैं, जिनमें 04 और 05 दिसम्बर, 2021 को आयोजित स्नातक स्तरीय परीक्षा (बीडीओ/वीपीडीओ) की तीनों पालियों में पेपर लीक का खुलासा उत्तराखण्ड एसटीएफ द्वारा किया गया है, जिसमें आयोग द्वारा कुछ संदिग्ध अभ्यर्थियों का डाटा उत्तराखण्ड एसटीएफ को सौंपा है। आयोग का काम करने वाली आउटसोर्स कंपनी (आरएमएस टेक्नो सॉल्यूशन) के प्रोग्रामर द्वारा पेपर लीक किया गया, जिसके द्वारा विभिन्न लोगों को प्रश्न पत्र बेचा गया और विभिन्न जिलों के अभ्यर्थियों द्वारा उस प्रश्न पत्र को खरीदा गया। इस प्रकरण में अब तक उत्तराखण्ड एसटीएफ द्वारा 13 गिरफ्तारियां हो चुकी हैं।
आक्रोशित बेरोजगार युवाओं का कहना था कि उत्तराखण्ड के युवाओं का दुर्भाग्य होगा कि इतना कुछ सामने आने के बावजूद भी यदि प्रदेश के युवा मुख्यमंत्री द्वारा इस स्नातक स्तरीय परीक्षा को रद्द नहीं किया जाता है।
विधायक त्रिलोक सिंह चीमा ने बेरोजगार युवाओं की मांग से सहमत होते हुए कहा कि वह बेरोजगार युवाओं का दर्द समझते हैं। उन्होंने कहा कि पेपर भर्ती मामले की जांच की जा रही है और उसमें तथ्य भी सामने आ रहे हैं। जांच की प्रक्रिया लंबी होती है। हर बिंदु से जांच हो रही है। मुख्यमंत्री ने इस मामले को गंभीरता से लिया है। वह इस मामले में बेरोजगार युवाओं के साथ हैं।