रामनगर/काशीपुर (महानाद) : अब आपको देहरादून या उत्तराखंड के अन्य शहरों में जाने के लिएएयूपी होकर नहीं जाना पड़ेगा। गढ़वाल और कुमाऊं के बीच यूपी की सड़क की बाध्यता जल्द ही खतम हो जायेगी। उत्तराखंड के बहुचर्चित कंडी मार्ग के निर्माण को आखिरकार राष्ट्रीय वन्यजीव बोर्ड (एनबीडब्ल्यूएल) ने मंजूरी दे दी है। जल्द ही कंडी मार्ग का निर्माण शुरू हो जायेगा।
बता दें कि उत्तराखंड के वन मत्री हरक सिंह रावत काफी समय से रामनगर को लालढ़ांग से जोड़ने वाले कंडी मार्ग के निर्माण में आ रही परेशानियों को दूर करने में जुटे थे। गढ़वाल और कुमाऊं मंडलों को सीधे आपस में जोड़ने वाली लैंसडाउन वन प्रभाग के अंतर्गत आने वाले कंडी मार्ग (रामनगर-कालागढ़-चिल्लरखाल-लालढांग) के चिल्लरखाल-लालढांग हिस्से के निर्माण को लेकर राज्य और केंद्र सरकार के बीच लंबे समय से खींचतान चल रही थी। इससे पहले राष्ट्रीय वन्यजीव बोर्ड इस मार्ग के निर्माण के प्रस्ताव को अस्वीकार कर चुका था। लेकिन उत्तराखंड वन्यजीव बोर्ड ने दोबारा प्रस्ताव पास कर राष्ट्रीय वन्यजीव बोर्ड को भेजा था। जिसके बाद शुक्रवार को केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावडेकर की अध्यक्षता में हुई राष्ट्रीय वन्यजीव बोर्ड की बैठक में वन मंत्री डॉ. हरक सिंह रावत ने कंडी मार्ग के प्रस्ताव को बोर्ड में रखा, जिसे बोर्ड ने पास कर दिया।
विदित हो कि पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने 20 मार्च 2017 को कंडी मार्ग खोलने की घोषणा की थी। जिसके बाद 25 दिसंबर को वन मंत्री डॉ. हरक सिंह रावत ने कोटद्वार से रामनगर के लिए गढ़वाल मोटर ऑनर्स की बस सेवा को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया था। लेकिन तब गौरव बंसल की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने बसों के संचालन पर रोक लगा दी थी। वहीं कंडी मार्ग बनने से रामनगर-कोटद्वार की दूरी काफी कम हो जाएगी। वर्तमान में वाया यूपी होकर गुजरने से कोटद्वार की दूरी 162 किलोमीटर है, जबकि इस मार्ग के बन जाने से यह दूरी महज 88 किमी रह जायेगी। इसके अलावा कोटद्वार, हरिद्वार का रामनगर व हल्द्वानी के बीच व्यापार कि साथ पर्यटन गतिविधियां भी बढ़ेंगी तथा राजधानी देहरादून आने जाने में भी कम समय लगेगा।