मैं ये किसके नाम लिखूं, जो ये आलम गुजर रहे हैं, मेरे अपने जल रहे हैं मेरे शहर उजड़ रहे हैं : यतीश शर्मा

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पंचकूला (महानाद) : कई दिनों से अपने देश भारत मंे कोरोना वायरस की महामारी से हो रही जीवन की तबाही देख मन में एक टीस उठ रही है कि हम जिस भारत देश के नागरिक बने बैठे हैं उस देश मे क्या चल रहा है। इस मेक इन इंडिया को देखने के लिए अच्छे दिनों की तलाश में क्या देख रहे हैं। हम हर पल में एक मौत सिर्फ हमारे देश के बिगड़ते सिस्टम के कारण क्या जिंदगी इतनी सस्ती है हमारी। किसे अपना कहें? किसे पराया ये समझने के लिये वो पल ही नहीं। यह बात वर्ल्ड ह्यूमन राइट ऑबजर्वर के वर्ल्ड निदेशक व लेखक-समाज सेवी यतीश शर्मा ने कोरोना से पीड़ित लोगों और स्वर्ग को सिधार चुके लोगों को अश्रुपूरित दुखी मन से कही।

शर्मा ने कहा पिछले 1 साल से देश इस कोरोना वायरस के जाल में फंसा हुआ है और हमारा सिस्टम बड़ी बड़ी बाते करने वाली सत्ताधारी सरकार आंखे बंद कर इस तबाही को देख रही है और हर तरफ अपनी कुर्सी और अपना नाम चमकाने के लिये देश की जनता के साथ खिलवाड़ कर रही है। आखिर ऐसी सत्ता की भूख इन राजनीतिक दलों के लिए जीवन की कोई कीमत नहीं और देश की आवाम को आजाद भारत के बाशिंदे बताते हैं। झूठा प्रचार करने से बेहतर है ये सत्ताधारी सरकारंे देश की आवाम के जीवन पर ध्यान दें, सिस्टम को ठीक करें और ओर देश में हो रही त्रासदी को खत्म करने के लिये जनता का दर्द समझ उनकी तकलीफों को दूर करने की ओर ध्यान दें।

यतीश शर्मा ने कहा कि ये सत्ताधारी सरकारंे लोकतंत्र की हत्या कर राजतंत्र से अपने अंहकार को जीवित रख देश को गुलामी की ओर ले जा रही हैं । देश की एकता को भंग करने के लिये अपने हठ पर अड़ी बैठी हैं। आज देश गम्भीर दौर से गुजर रहा है जो कि एक गम्भीर विषय है। रोजगार ना मिलने के कारण देश का युवा गलत रास्ते पर चलने के लिये मजबूर है। इसका जिम्मेदार कौन है। देश की जनता का कसूर सिर्फ इतना है कि वो लोकतंत्र को कायम रखना चाहती है और इन नेताओं को सत्ता की कुर्सी पर बिठाती है।

उन्होंने कहा कि बहुत समय पहले शो मैन के नाम से प्रसिद्ध कलाकार, निर्देशक स्वर्गीय राजकपूर ने एक फिल्म बनाई थी जिस देश में गंगा बहती है और देश के हालात को देखते हुए उन्होंने ही एक फिल्म बनाई राम तेरी गंगा मैली हो गई और ये सत्य भी है लेकिन देश की आवाम अंधभक्त बन बैठी है। भारतदेश आज जिस मुकाम पर खड़ा है उस मुकाम पर ही भ्रष्टाचार का बोलबाला सबके सामने है। आखिर क्यों हम इन बातों को ध्यान में रख ऐसे लोगो की मानसिकता को बदलने की कोशिश नहीं करते। कब तक हम लोग ऐसी त्रासदी में लूटमार करने वाले देशद्रोही ताकतों के खिलाफ जागरूक हो करवाई करने में असमर्थ नजर आते हैं।

शर्मा ने कहा कि भारत देश की संस्कृति आपसी भाईचारे की मिसाल दुनिया के हर कोने की आवाम के दिलों में राज करती है। लेकिन आज वो आजाद भारत के कुछ देशद्रोही लोग सत्ता की भूख के लालची लोग चाहें वो पक्ष और विपक्ष कोई हो देश के हर क्षेत्र में हो रही त्रासदी को लेकर एक दूसरे पर कटाक्ष कर लोगांे के जीवन से खेल रहे हैं। आज हम देश के नागरिकों को एकजुट हो इस महामारी का डट कर मुकाबला करना होगा और अपने खुशहाल भारत को वापिस लाना होगा। हमारी एकता और हौंसला ही कोरोना वायरस को भगाने में हमारी मदद करेगा।

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