मार्च माह का राशिफल: पं. गोविन्दराम की कलम से

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मेष (चू, चे, चै, ला, ली, लू, ले, लो, अ) : द्वितीय भाव में मंगल-राहू योग होने से कार्यों में विध्न-बाधायें रहेंगी। आय कम व खर्च अधिक होंगे। अत्यंत कठिनाइयों के बाद आय के साधन बनेंगे। वृथा भागदौड़ एवं आकस्मिक खर्च अधिक होंगे।
उपाय – काली वस्तुओं का दान करें, 3 मंगलवार को हनुमान जी का प्रसाद व चोला चढ़ायें, शुभ रहेगा।

वृष (ई, उ, ए, ओ, वा, वि, वु, वे, बो) : व्यवसायिक क्षेत्र में अनेक उतार-चढ़ाव एवं संघर्ष का सामना रहेगा। ता. 17 से शुक्र उच्चस्थ होने से सोची हुई योजनाओं में आंशिक सफलता प्राप्त होगी। धन लाभ व उन्नति के योग हैं। व्यवसायिक व्यस्ततायें बढ़ेंगी।
उपाय – नित्य 21 दिनों तक श्री सूक्त का पाठ करंे, शुभ रहेगा।

मिथुन (क, की, कु, घ, ड, छ, के, को, ह) : ता. 11 तक बुध अस्टमस्थ होने से आर्थिक एवं स्वास्थ्य संबंधी परेशानियां बनी रहेंगी। तां. 21 से गुरु भाग्यस्थ होने से परेशानियों में कुछ सुधार होगा। धन लाभ व उन्नति के अवसर मिलेंगे। सेहत में भी कुछ सुधार होगा।
उपाय – बुधवार को गाय को हरा चारा खिलायें, शुभ रहेगा।

कर्क (ही, हू, हे, हो, डा, डी, डू, डे, डो) : गुरु की उच्च दृष्टि रहने से कार्य-व्यवसाय में उन्नति व प्रगति के कुछ मार्ग प्रशस्त होंगे। घर में कोई मंगल कार्य भी होगा। कुछ बिगड़े कार्यों में विशिष्ट लोगों से संपर्क करने से सुधार होगा। परिवार में भाई बन्धु का सहयोग कम प्राप्त होगा। किसी पर अधिक भरोसा न करें।
उपाय – नित्य 21 दिन तक राम रक्षा स्त्रोत का पाठ करें, शुभ रहेगा।

सिंह (मा, मी, मू, मे, मो, टा, टी, टू, टे) : सूर्य मंगल की दृष्टियां रहने से किसी मित्र के सहयोग से बिगड़ा कार्य बनेगा। विघ्न बाधाओं के बावजूद निर्वाह योग्य धन की प्राप्ति होगी। परंतु खर्च की भी अधिकता रहेगी। मंगल-राहू तथा कालसर्प योग कारण मानसिक तनाव बढ़ेगा। वाहनादि चलाते समय सावधानी बरतें।
उपाय – शिवतेरस के दिन चांदी के नाग-नागिन का जोड़ा शिवलिंग के ऊपर चढ़ायें, शुभ रहेगा।

कन्या (टो, प (प्र), पी, पू, ष, ण, ठ, पे, पो) : ता. 11 से मासान्त तक बुध षष्ठस्थ रहने से बनते कार्यों में विघ्न बाधायें, स्वास्थ्य में विकार, पारिवारिक उलझनें एवं व्यवसायिक परेशानियों में वृद्धि होने के संकेत हैं। शत्रुभय एवं अपने भी परायों जैसा व्यवहार करेंगे। कोई न कोई समस्या बनी रहेगी।
उपाय – नित्य गणेश अथर्व शीर्ष का पाठ करें, शुभ रहेगा।

तुला (री, रू, रे, रो, ता, ती, तू, ते) : पूर्वार्द्ध में विद्या एवं करियर के संबंध में उत्साहवर्धक गतिविधियां बनेंगी। शुभ मंगल कार्य भी संपन्न होगा। ता. 18 से शुक्र उच्चस्थ होने से पुरुषार्थ और परिश्रम करने से धन लाभ व व्यवसाय में उन्नति के अवसर मिलेंगे।
उपाय – नित्य गणेश जी को मोदक चढ़ायें, शुभ रहेगा।

वृश्चिक (तो, ना, नी, नू, ने, पा, पी, यू) : मासारंभ में आशाओं के अनुरूप कुद सफलता मिले। परंतु किसी से अचाानक धोखा मिलने के योग हैं। स्वास्थ्य में खराबी रहे। तां. 14 के बाद अत्यधिक व्यग्रता होने से परेशानी होगी। धर्म-कर्म में रुचि होगी।
उपाय – शिवरात्रि का व्रत-कथा एवं स्त्रोतादि का पाठ करें, शुभ रहेगा।

धनु (ये, यो, भा, भी, भू, धा, फा, डा) : अत्यंत संघर्षपूर्ण परिस्थितियों के मध्य व्यर्थ की भागदौड़ और फिजूल खर्च होगा। विलासादि कार्यों पर व्यय होगा। कार्यों में बाधायें उत्पन्न होंगी। गृह कलह एवं तनाव रहेगा।
उपाय – आदित्य हृदय स्त्रोत का नित्य पाठ करें। गाय को रोटी दें, शुभ रहेगा।

मकर (भे, ज, जी, जू, जे, जो, ख, खी, खू, खे, खो, ग, गी) : गुरु-शनि का संचार रहने से विपरीत परिस्थतियां रहें। बड़ी कठिनता से निर्वाह योग्य आय के साधन बनेंगे। कार्य व्यवसाय में अनिश्चितता का माहौल बनेगा। अत्यधिक खर्चों के कारण परेशानियां बढ़ेंगी।
उपाय – पीली वस्तुओं का दान करें और नित्य शनि चालिसा का पाठ करें, शुभ रहेगा।

कुंभ (गू, गे, गो, सा, सी, सू, से, सो, दा): कार्य क्षेत्र में व्यस्ततायें रहेंगी। साझेदारी न करें। ता. 14 के बाद द्वितीयस्थ सूर्य पर शनि की दृष्टि रहने से पारिवारिक परेशानी और संतान संबंधी चिंता रहेगी। परिश्रम एवं पुरुषार्थ से कुछ व्यवसायिक सफलता के आसार बढ़ेंगे।
उपाय – शिव चालिसा का पाठ करें, शुभ रहेगा।

मीन (दी, दू, थ, झ, दे, दो, चा, ची) : मासारंभ में आकस्मिक खर्चों में वृद्धि के कारण मानसिक तनाव व उलझनें बढ़ेंगी। ता. 14 से सूर्य तथा ता. 17 से शुक्र उच्चस्थ होकर इस राशि पर संचार करने से धन लाभ व उन्नति के मार्ग प्रशस्त होंगे। वाहनादि संसाधनों पर खर्च बढ़ेंगंे। क्रोध व उत्तेजना अधिक रहेगी। परिवार में मतभेद रहेगा। आंखों की परेशानी रहेगी।
उपाय – प्रदोष व्रत रखें और सूर्य को जल दें। आदित्य हृदय स्त्रोत का पाठ करें, शुभ रहेगा।

पं. गोविन्द राम (ज्योतिषाचार्य)

श्री बांके बिहारी मन्दिर

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