सलीम अहमद
रामनगर (महानाद) : जब से सरकार ने खनन रायॅल्टी चेक करने का ठेका निजी हाथों में सौंपा है तब से जहां सरकार के राजस्व में वृद्धि हुई है वहीं, खनन व्यवसायियों के लिए काम करना मुश्किल होता जा रहा है। अब प्राइवेट खनन ठेकेदार ने रामनगर से पहाड़ को उपखनिज ले जाने वाली गाड़ियों के लिए नया फरमान जारी किया है, जिसमें पहाड़ को जाने वाली गाड़ियों में जाने वाले रेत, बजरी की रॉयल्टी का समय कम कर दिया गया है।
प्राइवेट खनन ठेकेदार की मनमानी के खिलाफ दर्जनों खनन व्यवसायी पूर्व ब्लॉक प्रमुख संजय नेगी के नेतृत्व में कोतवाली पहुंचे और उग्र आंदोलन की चेतावनी दी। उन्होंने बताया कि रामनगर से 100 किलोमीटर दूर तक उपखनिज ले जाने वाली गाड़ी को केवल 6 घंटे की रॉयल्टी दी जा रही है और अब सभी रॉयल्टी दूरी के हिसाब से कट रही है।
उन्होंने कहा कि रामनगर से जो गाड़ियां पहाड़ों को उपखनिज ले जाती हैं उनमें रेत, बजरी के ऊपर सरिया, सीमेंट, ईंटें अन्य सामान भी लेकर जाती हैं।यदि कोई गाड़ी 6 बजे रेत, बजरी क्रेशर से भरती है और उसके बाद रामनगर आकर सरिया, सीमेंट, ईंटें इत्यादि सामान गाड़ियों में भरा जाता है, जिसमें तीन से चार घण्टे का समय रामनगर में ही खर्च हो जाता है और उसक काम में नौ से दस बज जाते हैं। वहीं दस बजे मोहान बैरियर से गाड़ियों की नो एंट्री हो जाती है।
अब सवाल है कि ये गाडियां कैसे रॉयल्टी की टाईमिंग के हिसाब से पहाड़ तक पहुंचेगी। सरकार की इस नीति से सभी उपखनिज ले जाने वाले वाहनों के लिए संकट उत्पन हो गया है।
उन्होंने बताया कि प्राइवेट खनन ठेकेदार के लोगों ने सुबह 3 बजे पहाड़ों को उपखनिज व अन्य सामान ले जा रही गाड़ियों का 40-50 हजार तक का चालान काट डाला, जिससे सभी ट्रांसपोर्टर आक्रोशित हैं। गुस्साये ट्रांसपोर्टरों ने कल पहाड़ों को उपखनिज ले जाने वाली गाड़ियों का आवागमन ठप रखा व कोतवाली का घेराव कर रॉयल्टी की टाइमिंग पहाड़ी क्षेत्रों में बढ़ाये जाने व 4 गाड़ियों के चालान को रद्द करने की मांग की। मांगें नहीं माननने पर ट्रांसपोर्टरों ने उग्र आंदोलन की चेतावनी दीहै।
पूर्व ब्लॉक प्रमुख संजय नेगी ने कहा कि सरकार द्वारा 400 करोड़ में कोसी, दाबका नदी बेच दिए जाने के बाद ठेकेदार ने स्थानीय खनन कारोबारियों का खून चूसना शुरू कर दिया है, जिसका पुरजोर विरोध किया जाएगा।