महानाद डेस्क : आजकल बच्चों को मोबाइल पर ऑनलाइन गेम्स खेलने का चस्का लगा हुआ है। एक ओर जहां बच्चों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है, आंखों पर बुरा असर पड़ रहा है वहीं दूसरी और इन गेम्स की बजह से किसी की मां का बैंक खाता खाली हो गया तो किसी के पापा को अपनी कार बेचकर कर्ज उतारना पड़ा है।
जी हां, यह एकदम सत्य है। छत्तीसगढ़ में रहने वाले एक 12 साल के बच्चे ने ऑनलाइन गेम के चक्कर में अपनी शिक्षिका मां के बैंक खाते से 3 लाख 22 हजार रुपये खर्च डाले।
छत्तीसगढ़ के कांकेर में रहने वाली एक महिला शिक्षिका जब पैसे निकालने एटीएम गई तो उसे पता चला कि उसके खाते में केवल 9 रुपये बचे है। जिसके बाद शिक्षिका के होश उड़ गए और उसने समझा कि उसके साथ ऑनलाइन फ्राॅड हो गया है। महिला की शिकायत के बाद पुलिस ने छानबीन की तो पता चला कि 8 मार्च से 10 जून के बीच महिला के खाते से 278 बार ट्रांजेक्शन हुआ है जिसके द्वारा 3 लाख 22 हजार रुपये निकाले गये हैं। ये पैसे उसके 12 साल के बेटे द्वारा ऑनलाइन गेम खेलने और गेम के लेवल को अपग्रेड करने के चलते उसके खाते से कटे हैं। उसके बेटे को ऑनलाइन गेम फ्री-फायर की ऐसी लत लगी कि उसने गेम के हथियार खरीदने को अपनी मां के मोबाइल नंबर को बैंक अकाउंट से लिंक कर दिया और उसके जरिए ट्राजेंक्शन कर 3 लाख 22 हजार रुपये खर्च कर डाले।
वहीं, दूसरा मामला ब्रिटेन का है जहां एक सात साल के बच्चे ने पापा के दिये हुए आई फोन से गेम खेलते हुए टाॅप अप्स खरीदने के लिए मात्र 1 घंटे में 1 लाख 33 हजार रुपये (1800 डाॅलर) का बिल बना दिया। इतनी बड़ी रकम को चुकाने के लिए उसके पापा मुहम्मद को अपनी कार बेचनी पड़ गई।
मुहम्मद के 7 साल का बेटे को आईफोन में Dragons: Rise of Berk गेम की लत लग गई। वह खेल में आगे बढ़ने के लिए हर स्टेप्स पर क्लिक करता रहा और उसके महंगे टाॅप अप्स खरीदता रहा। जिसके बाद उसके पिता के पास एक के बाद एक 29 ईमेल आए। जिसके जरिए साफ हुआ कि गेम खेलने के दौरान उनके 7 साल के बेटे ने 1800 डॉलर यानी लगभग 1,33,000 रुपये के टॉप-अप्स खरीद लिए थे।