Uttarakhand News: उत्तराखंड में आने वाले दिनों में औद्योगिक व औषधीय भांग की खेती और इससे संबंधित औद्योगिक इकाइयां रोजगार, स्वरोजगार की नई संभावनाओं के द्वार खुलने वाले है। बताया जा रहा है कि इसके लिए धामी सरकार नई पॉलिसी तैयार कर रही है। जल्द ही इस पॉलिसी को अंतिम रूप देकर इसे स्वीकृति के लिए कैबिनेट में रखा जाएगा।
मीडिया रिपोर्टस के अनुसार मुख्य सचिव डॉ. एसएस संधू ने भी अधिकारियों को इसके मद्देनजर जल्द पॉलिसी तैयार करने और कैबिनेट में रखने के निर्देश दिए हैं।बताया जा रहा कि भांग के रेशे (फाइबर) का उपयोग टेक्सटाइल, कागज, पल्प, फर्नीचर समेत अन्य उद्योगों में होता है। यही नहीं, कैंसर, ग्लूकोमा, मधुमेह जैसी बीमारियों के उपचार में प्रयोग की जाने वाली दवाओं के निर्माण में भी भांग का उपयोग होता है। हालांकि आगामी कैबिनेट में इस पॉलिसी को नहीं लाया जा सकेगा, लेकिन उसके बाद अगली कैबिनेट में इस पॉलिसी को रखने का खाका तैयार किया जा रहा है।
गौरतलब है कि उत्तराखंड वैसे तो भांग की खेती को लीगलाइज करने वाला देश का पहला राज्य है और साल 2018 में भाजपा सरकार में इसको कानूनी मंजूरी दे दी गई थी। लेकिन पर्याप्त होमवर्क ना होने के कारण इस पॉलिसी का लाभ राज्य को अब तक नहीं हो पाया। लिहाजा राज्य सरकार अब इसको लेकर नई पॉलिसी तैयार कर रही है।