देहरादून (महानाद) : छात्रों द्वारा की गई पिटाई से घायल छात्र ने देहरादून के एक अस्पताल में इलाज के दौरान दम तोड़ दिया। छात्र की मौत से गुस्साए मलेथा गांव के निवासियों ने कीर्तिनगर तहसील जमकर हंगामा किया। उधर, पुलिस ने आरोपी छात्रों पर गैर इरादतन हत्या की धारा लगा कर नाबालिग होने के कारण उन्हें किशोर न्याय अधिनियम के तहत अभिरक्षा में ले लिया है।
बता दें कि विगत 17 अगस्त 2021 को गवर्नमेंट इंटर कॉलेज कीर्तिनगर में कुछ छात्रों में आपस में मारपीट हो गई थी। जिसमें आयुष नेगी (17) निवासी मलेथा को गंभीर अंदरूनी चोटें आई थीं। उसे इलाज के लिए मेडिकल कॉलेज श्रीनगर भर्ती कराया गया था जहां से से हायर सेंटर रेफर कर दिया गया था। जिसके बाद उसके परिजन उसे देहरादून के कैलाश अस्पताल ले गए। जहां 20 अगस्त को उसने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया।
कीर्तिनगर के कोतवाल रविंद्र यादव ने मामले में जानकारी देते हुए बताया कि 20 अगस्त को आयुष के ताऊ ने एक नामजद सहित अन्य छात्रों के खिलाफ आयुष के साथ मारपीट करने की रिपोर्ट दर्ज कराई थी। आयुष की मृत्यु होने के पश्चात इसमें गैर इरादतन हत्या की धारा भी जोड़ दी गई है तथा दो आरोपी छात्रों को अभिरक्षा में लिया गया है।
बता दें कि मारपीट में घायल होने के बाद आयुष नेगी ने अपने हाथ का एक्सरे करवाया था, लेकिन पेट की चोटों के बारे में किसी को नहीं बताया था। जब उसकी तबीयत ज्यादा खराब हो गई तो घरवालों का इसका पता चला। यदि वह समय पर अपने पेट में लगी चोट के बारे में बता देता तो शायद उसकी जान बच जाती।
आयुष और उसके साथ मारपीट करने का मुख्य आरोपी एक ही कॉलेज में पढ़ते थे। आरोपी ने दो साल पहले जीआईसी कीर्तिनगर में एडमिशन ले लिया था जबकि आयुष इसी साल स्कूल में आया था। वहीं स्कूल प्रबंधन का कहना है कि उसका अभी एडमिशन नहीं हुआ था। आयुष के पिता की पांच साल पूर्व सड़क दुर्घटना में मौत हो चुकी है। उसके घर में उसकी मां और छोटा भाई है।
वहीं, आयुष की मौत से गुस्साए मलेथा के ग्रामीणों ने आरोपी छात्रों और स्कूल प्रबंधन के खिलाफ हत्या का केस दर्ज करने की मांग को लेकर तहसील का घेराव किया। ग्रामीणों ने स्कूल प्रबंधन पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए उन्हें छात्र की मौत का जिम्मेदार ठहराया। ग्रामीणों ने बताया कि पूर्व में स्कूल प्रबंधन ने एक छात्र के शिक्षिका की चोटी काटने की बात छिपाई है। कॉलेज के अन्य छात्रों ने भी बताया कि कॉलेज में आये दिन मारपीट होती रहती है लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की जाती।
मामले में एसडीएम अजयवीर सिंह ने ग्रामीणों को उचित कार्रवाई व जांच का आश्वासन देने के साथ ही जीआईसी कीर्तिनगर के प्रधानाचार्य का प्रशासनिक आधार पर ट्रांसफर करने के लिए मुख्य शिक्षा अधिकारी को पत्र भेजा है। उन्होंने बताया कि घटना में स्कूल प्रबंधन की लापरवाही की जांच के लिए जिलाधिकारी से मजिस्टीरियल जांच की सिफारिश की गई है