लखनऊ (महानाद) : पुलिस कश्मीर घूमने गये एक परिवार के गायब हुए तीन लोगों को जम्मू-श्रीनगर हाईवे पर, रामबन से ऊधमपुर तक, राजमार्ग के किनारे, खाई, नदी-नालों, होटलों व अस्पतालों में तलाश रही थी वे तो कश्मीर घूमने गये ही नहीं थे। उनकी तो 10-12 दिन पहले लखनऊ में ही गला रेतकर हत्या कर दी गई थी। यूपी पुलिस को उनके शव भी मिल चुके थे, लेकिन उन शवों की पहचान नहीं हो पाई थी।
पुलिस ने इस जघन्य हत्याकांड को अंजाम देने वाले परिवार के बड़े बेटे को गिरफ्तार कर लिया। उसने ही प्रोपर्टी के लालच में अपने मां, बाप और छोटे भाई की हत्या कर उनके शवों को अलग-अलग जगह पर फेंक दिया था। पुलिस को गुमराह करने के लिए ही आरोपी ने तीनों के जम्मू-श्रीनगर हाईवे पर लापता होने की झूठी कहानी बनाई थी।
बता दें कि विगत 14 जनवरी को रामबन थाना पुलिस को लखनऊ के विकास नगर, सेक्टर दो में रहने वाले इंडियन ऑयल कार्पाेरेशन से रिटायर हुए महमूद अली खां, उनकी पत्नी दरख्शां और बेटे शावेज के जम्मू-श्रीनगर हाईवे पर रामसू इलाके से लापता होने की सूचना मिली थी। उनके स्वजनों ने पुलिस को जम्मू कश्मीर की कुछ फोटो के साथ व्हाट्सएप चैट का स्क्रीनशाट भी भेजा था। जिसमें हाईवे पर जाम में फंसने और पिता की तबीयत खराब होने का जिक्र था। साथ ही सिम बेकार होने तथा किसी का वाइफाई हॉटस्पाट प्रयोग कर चैट और फोटो भेजने की बात लिखी गई थी। सूचना मिलने के बाद रामबन और ऊधमपुर पुलिस ने तीनों लापता लोगों की तलाश शुरू कर दी, लेकिन कोई सुराग नहीं मिला।
मंगलवार की सुबह यूपी पुलिस ने रामबन की एसपी मोहिता शर्मा से संपर्क कर बताया कि जिनको पुलिस तलाश रही है, उनकी हत्या हो चुकी है। पुलिस ने बताया कि विगत 6 जनवरी को लखनऊ के इटौंजा में माल रोड के किनारे एक अज्ञात युवक का शव मिला था। इसके बाद मलिहाबाद में एक बुजुर्ग का शव मिला, दोनों की हत्या गला रेतकर की गई थी। अगले दिन मॉल में बुजुर्ग महिला का शव भी बरामद किया गया। लखनऊ ग्रामीण पुलिस को संदेह हुआ तो उसने तीनों शवों के पोस्टमार्टम रिपोर्ट की मिलान किया तो पता चला कि तीनों लोगों की हत्या एक ही तरीके से गला रेत कर की गई थी।
उधर, कई दिन से महमूद, दरख्शां और शावेज के नजर नहीं आने पर उनके रिश्तेदारों ने उनकी खोजबीन शुरू की। उनकी बेटी व दामाद ने बताया कि उनके पास शावेज का मैसेज आया था, जिसमें पांच जनवरी को तीनों के कश्मीर घूमने के लिए ट्रेन से निकलने की जानकारी दी गई थी। चार दिन पहले शावेज के फोन से व्हाट्स एप मैसेज आया था, जिसमें भूस्खलन के कारण उनके जम्मू-श्रीनगर राजमार्ग पर फंसे होने की जानकारी दी गई थी। शावेज ने लिखा था कि पिता की तबीयत भी खराब है। इसके बाद से उनसे संपर्क नहीं हुआ।
जब बुजुर्ग दंपती और उनके बेटे के जम्मू-श्रीनगर हाईवे से लापता होने की खबर फोटो के साथ छपी तो अखबार में फोटो देखने के बाद लखनऊ पुलिस ने शवों की पहचान कर परिवार के लोगों की तलाश शुरू की। इसके बाद महमूद अली की बेटी और दामाद से संपर्क कर जानकारी ली गई। पूछताछ में महमूद के दूसरे बेटे सरफराज पर शक गहराया जिसके बाद मंगलवार रात्रि को पुलिस ने उसे हिरासत में ले लिया।
पुलिस द्वारा की गई पूछताछ में महमूद की बेटी और दामाद ने उनके जम्मू जाने की कहानी दोहराई। दोनों ने व्हाट्सएप पर फोटो भी दिखाया और कहा कि ये फोटो उन्हें शावेज ने भेजे थे। पुलिस ने पड़ताल की तो पता चला कि शावेज, महमूद और दरख्शां के मोबाइल फोन की लोकेशन लखनऊ में ही थी। मोबाइल से केवल फोटो कश्मीर की भेजी गई थी। पुलिस ने उनके फोन सर्विलांस पर लगाये तो पता चला कि महमूद के बड़े बेटे सरफराज ने ही पुलिस को गुमराह करने के लिए झूठी कहानी रची थी और अपनी बहन को शावेज के फोन से व्हाट्सएप मैसेज किया था।
पूछताछ में सरफराज ने बताया कि उसने प्रोपर्टी के लालच में अपने माता-पिता व भाई के खाने में नशीला पदार्थ मिला दिया और फिर विकासनगर स्थित घर में ही उनकी गला रेतकर हत्या कर दी। सरफराज ने बताया कि उसके माता पिता और भाई उसको तवज्जो नहीं देते थे। इसकी वजह से उसने तीनों की हत्या कर दी।