पुलिस की अनदेखी से बढ़ रहे हैं सामाजिक अपराध, जनता है परेशान

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दलित बस्तियों में अवैध शराब बिक्री, सट्टा और जुआ हो रहा है खुलेआम।

गोविंद शर्मा
देवबंद (महानाद) : दलित बस्तियों में पुलिस की लापरवाही के चलते समाजिक अपराधों की बाढ़ आई हुई है। इन बस्ती, मौहल्लों में रहने वाले शरीफ लोगों को अनेक प्रकार की परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।

नगर में तीन मौहल्ले दलित बस्तियों के रूप में पहचाने जाते हैं। इन तीन मौहल्लों में रविदास मार्ग, वाल्मीकि बस्ती और नया बांस है। इन तीनों स्थानों में सामाजिक अपराध बढ़ते जा रहे हैं। इन मौहल्लों में बड़ी संख्या लोग नशे का शिकार हो रहे हैं, जिसका प्रमुख कारण आसानी से नशे के सामान शराब, सुल्फा, गांजा तथा ड्रग्स का उपलब्ध होना है। इसके अलावा जुआ और सट्टा का धंधा भी आम हो गया है। कानून का किसी को भय नहीं है। स्थिति इतनी विकट हो चुकी है कि महिलाएं भी सट्टा लगाने तथा खाईबाड़ी करने लगी है। इन मौहल्लों में गली के छोटे-छोटे दुकानदार भी सट्टे की खाईबाड़ी करते हैं और क्षेत्र के दर्जनों ग्रामों में निकाली जा रही कच्ची शराब धड़ल्ले से बिक रही है। शराब सट्टा और जुआ के कारण परिवारों में विवाद रहता है। कई शराबी तो अपने घरों में अपनी पत्नी, बच्चों तथा माता-पिताओं के साथ अभद्र व्यवहार तथा मारपीट तक करते हैं।

शराब, सट्टा और जुआ जैसे सामाजिक अपराध के कारण और अभावों के चलते ऐसे परिवारों की महिलाओं को मजबूरी में घर से बाहर कदम निकालना पड़ रहा है। इस सब के लिए स्थानीय पुलिस प्रशासन दोषी है। भ्रष्टाचार के चलते पैसे के बल पर नशे व सट्टे का कारोबार धड़ल्ले से चल रहा है। जब बढ़ते सामाजिक अपराधों पर बात होती है तो लोगों का कहना है कि भाजपा शासन में अपराधों पर अंकुश लगा है। भ्रष्टाचार पर नहीं और उसी की वजह से सट्टे तथा अवैध रूप से शराब बेचने वालों के हौसले बुलंद हैं और वह घर-घर, दुकान-दुकान शराब बिकवा रहे हैं और सट्टे का धंधा चलवा रहे हैं।

नगर के संभ्रांत नागरिकों का कहना है कि नगर में विजय प्रकाश पुलिस इन्सपेक्टर आये तो यह सामाजिक अपराध रुक सकते हैं। विजय प्रकाश ने कभी किसी को एक चपत नहीं मारा और अपराधी थर-थर कांपते थे। जिसका मुख्य कारण था इंस्पेक्टर विजय प्रकाश का रोज प्रातः अकेले नगर के किसी भी मौहल्ले में पहुंचना तथा आम आदमी, दुकानदार से मिलना तथा क्षेत्र के सम्बंध में आपराधिक जानकारी करना था। इस प्रकार क्षेत्र के गलत धंधा करने वाले भयभीत रहते थे। वह गलत व्यक्ति के लिए किसी की सिफारिश नहीं मानते थे। विजय प्रकाश ने दलालों को कभी महत्व नहीं दिया था। यही वजह थी कि उनके समय में अपराधों पर अंकुश लगा और आज भी लोग उनको याद करते हैं। विजय प्रकाश ने पत्रकारों को भी खूब सम्मान दिया तथा गरीब की बात को धैर्य और गम्भीरता से सुना तथा न्याय दिलवाया है। नगर में पुलिस चौकी मंगलौर तथा खानखा क्षेत्र अपराध के गढ़ बने हैं जिन पर क्षेत्राधिकारी व एसपी देहात को विशेष ध्यान देना चाहिए।

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