सलीम अहमद
रामनगर (महानाद) : वन विभाग व पुलिस की संयुक्त टीम ने अवैध रूप से बनाए गए धार्मिक स्थलों के विरुद्ध कार्रवाई करते हुए आज थपली वाले बाबा की मजार को ध्वस्त कर दिया।
आपको बता दें कि प्रदेश सरकार द्वारा वन भूमि पर अवैध रूप से कब्जा कर हजारों धार्मिक स्थलों को बनाया गया था, जिसके विरुद्ध कार्रवाई करते हुए वन विभाग एवं पुलिस विभाग की संयुक्त टीम द्वारा रामनगर में आमडंडा क्षेत्र में स्थित थपली बाबा की दरगाह को धवस्त कर दिया गया। मामले की भनक जैसे ही लोगों को लगी, भारी संख्या में लोग वहां इकट्ठा हो गए, लेकिन प्रशासन ने किसी को भी दरगाह के करीब जाने नहीं दिया। एकत्रित लोगों ने प्रदेश सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की।
उधर, मजार के मुजाबिर अशरफ अली ने बताया कि थपली बाबा की मजार करीब 140 साल पुरानी है। उनका कहना है कि प्रशासन द्वारा हमें कोई नोटिस भी नहीं दिया गया। कॉर्बेट टाइगर रिजर्व के बिजरानी रेंज के आमडंडा में स्थित मुस्लिम एकता की प्रतीक थपली बाबा की मजार पर सभी धर्मों के लोग कई अन्य राज्यों से आते हैं।
वहीं, कॉर्बेट टाइगर रिजर्व के बिजरानी रेंज के रेंजर बिंदरपाल ने बताया कि धार्मिक संरचना के धारणाधिकार की पुष्टि न होने के कारण मजार को अवैध मानते हुए पुलिस और प्रशासन के सहयोग से हटा दिया गया है। पूर्व मे टाइगर रिजर्व द्वारा संबंधित मजार को धारणाधिकार प्रस्तुत करने के लिए नोटिस दिया गया था। किसी भी प्रकार से स्वामित्व की पुष्टि न होने के कारण धार्मिक संरचना को अवैध चिन्हित करते हुए हटा दिया गया।
रामनगर कोतवाल अरुण कुमार सैनी ने बताया कि अब स्थिति काबू में है। लोगों को समझा-बुझाकर शांत कर दिया है।
उधर, 140 साल पुरानी थपली बाले बाबा की मजार को ध्वस्त करने से नाराज मुस्लिम समाज ने एसडीएम रामनगर के माध्यम से मुख्यमंत्री से इसे पुर्नस्थापित करने की मांग की है।
एसडीएम को दिये ज्ञापन में मुस्लिम समाज ने मांग की कि –
-मजारों को बिना किसी पूर्व सूचना पर हटाये जाने की कार्यवाही पर रोक लगाई जाये। पहले इसकी सूचना मजार के मुजाबिर को दी जाये।
-रामनगर क्षेत्र में ध्वस्त की जाने वाली मजारों की सूची उपलब्ध कराई जाये।
-वनभूमि में होने के कारण बिजली, पानी आदि की रसीदों को आधार न बनाकर जनमानस व जनप्रतिनिधियों के कथन व प्रमाणों को तरजीह दी जाये।
-ध्वस्त की गई मजारों के मलबे को मुजाबिरों को सौंपा जाये।
-140 साल पुरानी थपली वाले बाबा की और 100 साल पुरानी नत्थनपीर बाबा की मजार को पुर्नस्थापित करने की अनुमति दी जाये।
-अतिक्रमण हटाने के दौरान मजारों में स्थित धार्मिक किताबों का अनादर रोकने के लिए उन्हें मुजाबिरों को सौंपा जाये।