रामपुर (महानाद) : बिलासपुर के भैंसिया ज्वालापुर गांव में जमानत पर छूट कर बाहर आये एक हत्यारोपी की दिनदहाड़े गोली मारकर हत्या कर दी गई। मृतक कुछ दिन पहले ही हत्या के मामले में जमानत पर जेल से छूटा था।
आपको बता दें कि सोमवार की दोपहर को ग्राम सकटुआ निवासी मो. आरिफ (30 वर्ष) पड़ोस के ही गांव भैंसिया ज्वालापुर में किसी समारोह में शामिल होने गया था। दावत खाने के बाद दोपहर 2 बजे वह वापस अपने घर जा रहा था। इसी दौरान कुछ व्यक्तियों ने उसे रास्ते में ही रोक कर उसके साथ मारपीट शुरु कर दी और तमंचा निकाल कर उसकी कनपटी पर गोली मार दी। इसके बाद हत्यारों ने उसके सिर और पेट में गोली मारी जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई।
पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार 19 दिसंबर 2021 को ग्राम ज्वालापुर भैंसिया निवासी साजिम पुत्र फरजंद की हत्या कर दी गई थी। फरजंद पुत्र मोहम्मद अली खां ने पुलिस को तहरीर देकर बताया था कि उनका पुत्र साजिम (30 वर्ष) कार चलाने का काम करता था। वह 19 दिसंबर की शाम लगभग 7 बजे कार से रामपुर से अपने घर लौट रहा था कि ग्राम ज्वालापुर के पास बाइक सवार कुछ लोगों ने उनके पुत्र की गोलियों से भूनकर हत्या कर दी थी। फरजंद ने पांच लोगों को नामजद करते हुए उन पर अपने पुत्र की हत्या करने का आरोप लगाया था।
वहीं, मृतक आरिफ के परिजनों ने बताया कि लगभग 2 साल पहले पुलिस के मुखबिर साजिम खां की गोली मारकर हत्या कर दी थी। इस हत्याकांड में उनके पुत्र मो. आरिफ को झूठा फंसाया गया था। जिसकी वजह से उसने लगभग एक साल से ज्यादा की जेल काटी थी। अब वह जमानत पर जेल से बाहर था। इसी कारण मृतक साजिम खां के पिता मोहम्मद अली और भाई राजिम खां उनके पुत्र से रंजिश रखने लगे और सोमवार को उसे घेर कर गोली मारकर उसकी हत्या कर दी। बता दें कि जिस समय आरिफ की हत्या हुई उस समय वहां तमाम लोग थे, लेकिन किसी ने आरफि को बचाने की हिम्मत नहीं दिखाई।
वहीं, सूचना पाकर मौके पर पहुंचे एसपी राजेश द्विवेदी, सीओ रवि खोखर और प्रभारी निरीक्षक नवाब सिंह भारी पुलिस बल के साथ घटनास्थल पर पहुंचे और आरिफ केशव को कब्जे में लेकर आगे कीर्कावाई शुरु की। सीओ ने बताया कि पुलिस मामले की जांच कर रही है। जल्द ही हत्याकांड का खुलासा कर आरोपियों को जेल की सलाखों के पीछे पहुंचाया जायेगा।
वहीं, हत्यारों की गिरफ्तारी के लिए एसपी राजेश द्विवेदी ने कोतवाल नवाब सिंह, ईसानगर चौकी प्रभारी राजीव कुमार त्रिपाठी, एसआई रामवीर सिंह के नेतृत्व में तीन टीमें गठित कीं हैं।