विकास अग्रवाल
काशीपुर (महानाद) : एक व्यक्ति ने उत्तराखंड में रजिस्ट्री में लाभ लेने के लिए फर्जी खतौनी लगाकर रजिस्ट्री करवा ली, लेकिन उसका यह फर्जीवाड़ा पकड़ा गया और सब रजिस्ट्रार काशीपुर की तहरीर के आधार पर पुलिस ने आरोपी के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर जांच शुरु कर दी है।
सब रजिस्ट्रार काशीपुर जितेन्द्र कुमार नु पुलिस को तहरीर देकर बताया कि 3 फरवरी, 2025 को कार्यालय उप निबन्धक, काशीपुर में एक बैनामा पंजीकरण हेतु प्रस्तुत हुआ, जिसमें विक्रेता वेदपाल सिंह पुत्र स्व. गजराज सिंह निवासी मौ. आदर्श नगर, मिश्रीनगर, वार्ड नं. 4, महुआखेड़ागंज, काशीपुर जिला उधमसिंहनगर द्वारा ग्राम रायपुरखुर्द में खसरा नं. 83 की रकबा 0.0930 हैक्टेयर कृषि भूमि क्रेता राजीव चौधरी पुत्र मित्रपाल सिंह निवासी ग्राम गोहरपुर, सुल्तानपुर, पोस्ट काफियाबाद, जिला मुरादाबाद को विक्रय की गई है।
सब रजिस्ट्रार ने बताया कि उक्त विक्रय विलेख में क्रेता राजीव चौधरी द्वारा उत्तराखण्ड अधिनियम सं. 29 वर्ष 2003/2007 में वर्णित उपबन्धों का लाभ लेने के उद्ेदश्य से जानबूझकर यह तथ्य उल्लिखित किया गया है कि ‘उत्तराखण्ड अधिनियम सं. 29 वर्ष 2003/2007 के अनुपालन में क्रेता के पिता के नाम ग्राम गिरध्याई मुंशी, तहसील काशीपुर के खसरा नं.-116 में रकबा 0.010 है. भूमि खातेदारी में दर्ज अभिलेख है।
उन्होंने बताया कि विक्रय विलेख के साथ प्रस्तुत खतौनी की प्रथम दृष्टया जांच करने पर पक्षकारों द्वारा उपलब्ध करायी गई खतौनी कूटरचित/एडिटेड लगी, जिस कारण तहसील से सम्बंधित खाता व खसरे की प्रमाणित प्रति प्राप्त की गई, जिसमें खातेदार का नाम प्रस्तुत खतौनी से भिन्न है। वास्तविक खतौनी जिसे तहसील काशीपुर से प्राप्त किया गया है, उसमें ग्राम गिरध्याई मुंशी, परगना काशीपुर, तहसील काशीपुर जिला उधम सिंह नगर के फसली वर्ष 1431-1436 के खाता 46 खसरा नं0 116 में भूमिधर का नाम चरनजीत कौर/कुलवंत सिंह निवासी ग्राम दर्ज है।
उन्होंने कहा कि क्रेता राजीव चौधरी द्वारा उत्तराखण्ड अधिनिमय सं. 29 वर्ष 2003/2007 के उपबन्धों का लाभ लेने के उद्देश्य से जानबूझकर बैनामे में मिथ्या तथ्यों का उल्लेख करते हुये कार्यालय को गुमराह किये जाने हेतु कूटरचित खतौनी पंजीकरण के समय प्रस्तुत की गई है। क्रेता राजीव चौधरी के विरुद्ध सुसंगत धाराओं के अंतर्गत मुकदमा दर्ज करने का कष्ट करें।
सब रजिस्ट्रार जितेन्द्र कुमार की तहरीर के आधार पर पुलिस ने राजीव चौधरी के खिलाफ बीएनएस की धारा 318(4), 336(3), 338, 340(2) के तहत मुकदमा दर्ज कर मामले की जांच एसआई गणेश पांडे के हवाले की है।