गाय की बुजुर्गी का एहतराम किया करो क्योंकि वह तमाम चौपायों की सरदार है : सुन्नी पर्सनल ला बोर्ड

0
704

मुरादाबाद (महानाद) : सुन्नी पर्सनल लॉ बोर्ड ने ईद-उल-अजहा की मुबारकबाद देते हुए कहा है कि मुसलमान मुहज्ज़ब कौम है। अदल व इंसाफ, सच्चाई के साथ खड़े रहना, यही हमारी असल पहचान है, हमारे ईमान का हिस्सा है। बात जब अदल की आ जाये तो अपने बेटे को भी सज़ा दो। यही सुन्नत-ए-इब्राहीमी भी है। जी हाँ वही इब्राहीम (अलैह0) जोकि हम सभी के आइडियल हैं, जिनकी सुन्नत पूरी करने के लिए हम हर साल ईद-उल-अजहा मनाते हैं और अलग-अलग किस्म के जानवरों को जिबह करते हैं। लेकिन हममें से बहुत से लोग इस मौके पर कुछ उसूलों को भूल जाते हैं और शैतान के बहकावे में आकर गुनाह कर बैठते हैं। इसलिए हमारे लिए यह जरूरी है कि हम उस शैतानी फिरके से खुद को बचाएं।

दरअसल कुरआन का हुक्म है ‘अकर मुल बकर फाइनाहा सैयदुल बहाइमा’ तफसीर दुर्रे-मंसूर’ में कहा गया है कि ‘‘गाय की बुजुर्गी का एहतराम किया करो। क्योंकि वह तमाम चौपायों की सरदार है, तुम्हें दूध देती है।’’ गाय दौलत की रानी है।

रसूल-ए-पाक का कौल है कि गाय का दूध व घी शिफा है, गोश्त बीमारियों का कारण है।
हुक्म ऐ इलाही भी है कि — सैय्यदुल खिदमत हू अल बकर
अर्थ– मुझे वह कौम प्यारी है जो गाय की खिदमत और हिफाजत करती हैं।

हमे यह भी याद रखना चाहिए कि कुर्बानी, अल्फाज़ कुर्ब से है। कुर्ब के मायने होते है क़रीब हो जाना और अल्लाह के क़रीब सिर्फ वही लोग है,जो तक़वे वाले है, कुर्बानी से आपमे तक़वा पैदा होता है। न उनके गोश्त अल्लाह को पहुँचते हैं, न ख़ून, मगर उसे तुम्हारा तक़वा पहुँचता है। उसने उनको तुम्हारे इस तरह मातहत किया है, ताकि उसकी दी हुई हिदायत पर तुम उसकी बड़ाई बयान करो। और ऐ नबी, खुशख़बरी दे दो भले काम करनेवालों को।
(क़ुरआन 22,/37) सूरत उल हज आयात 37

अतः हमें ईद के दिनों में कुरान के इस आदेश का विशेष रूप से पालन करना चाहिए। इसके अतिरिक्त हम जिस भी मुल्क में रहें उस मुल्क के संविधान को मानना भी इस्लाम के मुताबिक अनिवार्य है। भारतीय संविधान में गाय के संरक्षण पर बल दिया गया है और गौवध दंडनीय और पूर्णता प्रतिबंधित है। अतः हमें कुरान और भारतीय संविधान का सम्मान करते, हुब्बुल वतनी की नजीर पेश करनी चाहिए क्योंकि हमारा अमल ही हमारी नीयत को जाहिर करता है।

तो आइये मजबूत, तन्दरुस्त, ताकतवर हिन्दुस्तान बनाने का अहद लेते हुए सबसे मोहब्बत प्रेम भाईचारे और हुब्बुल वतनी के साथ ईद-उल-अजहा मनाये।
नेक ख्वाहिशातो के साथ
-सुन्नी पर्सनल ला बोर्ड