महानाद डेस्क : सुई से जहाज तक बनाने वाली कंपनी के प्रमुख रतन टाटा का मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में निधन हो गया। वे 86 वर्ष के थे। पिछले कई दिनों से उनकी तबीयत खराब चल रही थी। एक कारोबारी से ज्यादा परोपकारी जैसा जीवन जीने वाले रतन टाटा के निधन पर कारोबार जगत में शोक की लहर छा गई है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रतन टाटा को श्रद्धांजलि देते हुए सोशल मीडिया ‘एक्स’ पर लिखा- रतन टाटा एक दूरदर्शी बिजनेस लीडर, दयालु आत्मा और एक असाधारण इंसान थे। उन्होंने भारत के सबसे पुराने और सबसे प्रतिष्ठित व्यापारिक घरानों में से एक को स्थिर नेतृत्व प्रदान किया। साथ ही, उनका योगदान बोर्डरूम से कहीं आगे तक गया। अपनी विनम्रता, दयालुता और हमारे समाज को बेहतर बनाने के प्रति अटूट प्रतिबद्धता के कारण उन्होंने अपने को कई लोगों का प्रिय बना लिया।
सुई से लेकर जहाज तक बनाती है टाटा कंपनी –
आपको बता दें कि रतन टाटा की गिनती भारत के बड़े कारोबारियों में होती है। शायद ही कोई ऐसा घर होगा जिसमें टाटा का कोई सामान इस्तेमाल न होता हो। टाटा के बारे में कहावत है कि टाटा सुई से लेकर जहाज तक बनाती है।
कितनी है रतन टाटा की संपत्ति –
रतन टाटा की कुल संपत्ति की बात करें तो वह लगभग तीन हजार आठ सौ (3800) करोड़ रुपए के मालिक थे। सन 2022 में रतन टाटा की कुल संपत्ति 3800 करोड़ रुपए आंकी गई थी। IIFL Wealth Hurun Indian Rich List में उनकी जगह 421 वें स्थान पर थी।
आमदनी का बड़ा हिस्सा करते थे परोपकार में खर्च –
रतन टाटा अपनी आमदनी का बड़ा हिस्सा दान कर देते थे। यही वजह है कि उनकी नेट वर्थ उनके कद और कंपनी के कारोबार के मुकाबले कम है। रतन टाटा कारोबारी के साथ-साथ परोपकारी के रूप में मशहूर थे। उन्होंने टाटा ट्रस्ट बनाकर अपनी कमाई का बड़ा हिस्सा परोपकार पर ही खर्च किया। टाटा ट्रस्ट हेल्थकेयर, एजुकेशन और रूरल डेवलपमेंट के क्षेत्र में काम करती है।
आपको बता दें कि रतन टाटा का जन्म 1937 में एक चर्चित पारसी परिवार में हुआ था। उनके पिता नवल टाटा और मां सूनी टाटा थीं। रतन टाटा ने शादी नहीं की थी। इसलिए उनकी कोई संतान न होने के कारण उनके उत्तराधिकार पर लंबे समय से अटकलें लगाई जा रही है कि अब 3,800 करोड़ रुपये के विशाल टाटा समूह की कमान कौन संभालेगा?
रतन टाटा के संभावित उत्तराधिकारियों में उनके सौतेले भाई नोएल टाटा का नाम आता है। नोएल टाटा के तीन बच्चे माया टाटा, नेविल टाटा और लिया टाटा हैं। ये तीनों टाटा ग्रुप में अलग-अलग जिम्मेदारी संभाल रहे हैं। संभावना है कि आने वाले दिनों में इन्हीं में से किसी को रतन टाटा का उत्तराधिकारी बनाया जाएगा।
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