चुनाव ड्यूटी कर्मचारी और बुजुर्गाे में किया जा रहा भेदभाव
मोहित गोयल
सल्ट (महानाद) : सल्ट के प्राथमिक चिकित्सालय देवायल द्वारा कोविड टीकाकरण महा अभियान चलाया गया जिसमें लगभग 20 केन्द्रों पर टीकाकरण हुआ। टीकाकरण में पहली डोज , दूसरी डोज, व बूस्टर डोज़ लगायी गयी। रवुमाड़ सेन्टर पर 32 लोगों को वेक्सीन लगायी गयी। जिसमें 15 से 18 वर्ष तक, 18 से 45 वर्ष, 45 से 60 वर्ष, 60 वर्ष से ऊपर बुजुर्गाे और सरकारी कर्मचारियों जिनकी चुनाव में ड्यूटी लगी है को बूस्टर डोज लगायी गयी।
वैक्सीनेशन में विभाग की लापरवाही भी सामने आयी है। रवुमाड़ सेन्टर पर वैक्सीन लगाने के लिये जिस डॉ. या एएनम को आना था वो बहुत देरी से अपनी ड्यूटी पर आये। और दिन में 12 बजे टीकाकरण शुरु हो पाया। पहले टीकाकरण के लिये लोगों को खुमाड़ इण्टर कॉलेज बुलाया गया फिर स्थान बदलकर उन्हें रवुमाड़ एएनएम सेंन्टर पर बुलाया गया जिसकी वजह से लोगों को खासी परेशानी का सामना करना पड़ा।
इस सबके बीच एक बात गले से नीचे नहीं उतरने वाली ये थी कि विभाग द्वारा जहां 60 वर्ष से ऊपर बुजुर्गाे को बूस्टर डोज 270 दिन यानी 9 महीने बाद लगायी जा रही है। वहीं चुनाव ड्यूटी करने वाले कर्मचारियों को 90 दिन यानी 3 माह के बाद लगायी जा रही है। तो जो कर्मचारी चुनाव ड्यूटी करने जा रहे हैं उनपर ये मेहरबानी क्यूं की जा रही है क्या स्वास्थ्य विभाग की नजर में बुजुर्गाे की जान की कोई कीमत नहीं है या सरकारी कर्मचारियों पर सेकेण्ड डोज का असर मात्र 3 माह ही रहेगा खैर जो भी हो बात समझ से परे है।