मुंबई/नई दिल्ली (महानाद) : जहां एक ओर एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने महाराष्ट्र के गृहमंत्री को क्लीन चिट दे दी है वहीं मुंबई पुलिस के पूर्व कमिश्नर परमबीर सिंह ने इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख के कथित भ्रष्टाचार के सबूत नष्ट होने से पहले जांच की मांग की है। याचिका में पूर्व कमिश्नर परमबीर सिंह ने गृह मंत्री अनिल देशमुख के ऊपर आरोप लगाया है कि फरवरी में उन्होंने क्राइम इंटेलिजेंस यूनिट के सचिन वाजे और अन्य अधिकारियों तथा सोशल सर्विस ब्रांच के एसीपी संजय पाटिल के साथ मुलाकात कर उन्हें 100 करोड़ रुपए की उगाही के निर्देश दिये थे।
सुप्रीम कोर्ट में दाखिल अपनी याचिका में परमबीर सिंह ने आरोप लगाया हे कि अनिल देशमुख पुलिस विभाग के तबादलों में भ्रष्टाचार करते थे और इस मुद्दे को उठाने वाली महिला अधिकारी को उन्होंने हटा दिया था। गृह मंत्री अनिल देशमुख कई मामलों में चल रही जांच में हस्तक्षेप कर जांच को अपने हिसाब से करने के लिए कहते थे। परमबीर सिंह ने बताया है कि उन्होंने अनिल देशमुख के कथित भ्रष्टाचार के बारे में सारी जानकारी वरिष्ठ नेताओं और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को भी दी थी जिसके बाद 17 मार्च को उनका ट्रांसफर कर दिया गया।
बता दें कि मुंबई में रिलायंस ग्रुप के मालिक मुकेश अंबानी के घर एंटीलिया के बाहर विस्फोटकों से भरी गाड़ी मिलने और गाड़ी मालिक हंसमुख हिरेन की हत्या होने के बाद महाराष्ट्र की पुलिस और सरकार पर लगातार सवाल उठ रहे हैं। महाराष्ट्र सरकार ने 17 मार्च को परमबीर सिंह को मुंबई पुलिस कमिश्नर के पद से हटा कर डीजी होमगार्ड बना दिया था। 2 दिन बाद परमबीर सिंह ने मुख्यमंत्री व राज्यपाल को एक पत्र लिख कर गृह मंत्री अनिल देशमुख पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा था कि पुलिस अधिकारियों की मदद से वे हर महीने 100 करोड़ रुपए की उगाही करवा रहे हैं।
उधर, मुंबई से दिल्ली तक मचे सियासी घमासान के बीच एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने आज प्रेस वार्ता आयोजित कर महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख का बचाव करते हुए कहा कि पहली नजर में मुझे लगा कि आरोप गंभीर हैं। परमबीर सिंह ने कहा है कि फरवरी में वाजे ने अनिल देशमुख से मुलाकात की, लेकिन फरवरी में वाजे की देशमुख से कोई मुलाकात नहीं हुई। 6 फरवरी से 15 फरवरी तक अनिल देशमुख कोरोना के कारण अस्पताल में भर्ती थे तथा उसके बाद 16 से 27 फरवरी तक वे होम क्वारंटीन थे। इसलिए उनकी वाजे से मुलाकात होने की बात गलत है। शरद पवार ने कहा कि एटीएस की जांच सही दिशा में जा रही है। परमबीर सिंह की चिट्ठी के जरिए सिर्फ जांच से ध्यान भटकाने के लिए कोशिश की जा रही है।