10 नवम्बर से चलेगा विशेष अभियान : डीजीपी ने की प्रदेश भर के अधिकारियों के साथ बैठक

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सुहानी अग्रवाल
देहरादून (महानाद) : आज दिनांक 5 नवम्बर 2024 को डीजीपी उत्तराखंड अभिनव कुमार की अध्यक्षता में समस्त परिक्षेत्र/जनपद प्रभारियों, पुलिस अधीक्षक, एसटीएफ/ रेलवेज के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से ‘अपराध एवं कानून व्यवस्था एवं यातायात प्रबन्धन’ के सम्बन्ध में समीक्षा गोष्ठी आयोजित की गयी। गोष्ठी के दौरान डीजीपी ने निम्नवत आवश्यक दिशा-निर्देश दिये –

यातायात प्रबन्धन –
10 नवंबर से ओवरलोडिंग वाहनों, डग्गामार वाहनों, शराब पीकर वाहन चलाने वालों के विरुद्ध सभी जनपदों को विशेष अभियान चलाकर प्रभावी कार्यवाही करने के निर्देश दिये गये। ओवरलोडिंग के कारण होने वाली सड़क दुर्घटना में एसओपी में प्रदत्त दिशा- निर्देशों के अनुसार वाहन मालिक, ड्राइवर, कंडक्टर के विरुद्ध अनिवार्य रूप से मुकदमा दर्ज किया जाये।

पूरे प्रदेश में विगत 10 साल में ओवरलोडिंग के कारण हुए सड़क दुर्घटना के हॉट स्पॉट वाले स्थानों का चिन्हिकरण/ सत्यापन करते हुए ऐसे स्थानों पर विशेष साइनेज बोर्ड, ग्लोइंग बोर्ड, क्रेश बैरियर इत्यादि लगाने के निर्देश दिये गये।

धरना/जुलूस प्रदर्शन के द्वारा नेशनल हाईवे बाधित करने/ रेल रोकने पर आमजन मानस को परेशानियों का सामना करना पड़ता है। ऐसे असामजिक तत्वों पर अनिवार्य रूप से अभियोग पंजीकृत किया जाये। साथ ही स्टेक होल्डर से समन्वय स्थापित कर निर्देशों के बारे में भली भांति जानकारी दी जाये।

अपराध नियन्त्रण एवं कानून व्यवस्था –
डीजीपी अभिनव कुमार ने सभी जनपद प्रभारियों को निर्देश दिये कि अपराधों का अनिवार्य रूप से पंजीकरण करने व अपराधों का निम्नीकरण किसी भी दशा में न किया जाये, साथ ही अपराध दर में होने वाली बढ़ोत्तरी व गिरावट के कारणों की थाना व सर्किल स्तर पर समीक्षा कर उनको दूर कर लिया जाये।

सम्पत्ति की बरामदगी 61 प्रतिशत से नीचे प्रोफोर्म करने वाले जनपदों को सम्पत्ति की बरामदगी प्रतिशत में वृद्धि करने हेतु निर्देश दिये गये। मैदानी एवं पहाड़ी जनपदों के अपराध सम्बन्धी आंकडों का तुलनात्मक मूल्यांकन अलग-अलग किया जाये।

ईनामी अपराधियों पर प्रभावी कार्यवाही एवं ऑपरेशन स्माइल में गुमशुदा लोगों को उनके परिजनों से मिलाने हेतु प्रभावी अभियान चलाकर कार्यवाही करने हेतु निर्देश दिये।

नये कानूनों में बीएनएस के अन्तर्गत दर्ज होने वाले मुकदमों की विधिक प्रक्रिया का सभी जनपद प्रभारी भली-भांति अध्ययन कर आने वाली समस्याओं से अवगत करायें। सम्बन्धित थानास्तर पर कार्मिकों को प्रशिक्षण दिया जायेगा व वर्ष 2025 से सम्बन्धित जनपद प्रभारी पर्यवेक्षण हेतु उत्तरदायी होंगे।

डीजीपी/आईजीपी कांफ्रेस में बीएनएस की सक्सेस स्टोरी को हाईलाइट जाने हेतु सभी जनपद प्रभारियों को निर्देशित किया कि पुराने कानूनों की अपेक्षा नये कानून से आमजन को क्या सहूलियत है, इसकी स्टोरी मुख्यालय को उपलब्ध कराने हेतु निर्देश दिये।

ई-एफआईआर व जीरो एफआईआर में दर्ज मुकदमों की समीक्षा करते हुए बताया कि आंकडों का सेग्रीगेशन कर आने वाली समस्या/ फीडबैक लेकर समाधान किया जाये व आमजन व उत्तराखण्ड से बाहर रहने वाले लोग ऑनलाइन एफआईआर को प्राथमिकता देते हैं एवं आने वाले समय में भी इसी मॉडयूल पर कार्य किया जायेगा।

अन्य-
आगामी वर्ष में उत्तराखण्ड राज्य के 25वें स्थापना दिवस पर आईटीबीपी के साथ उत्तराखण्ड पुलिस के संयुक्त नन्दा देवी एक्पडिशन आयोजित करने व ‘गंगोत्री से हरिद्वार तक राफ्टिंग के माध्यम से गंगा सफाई अभियान’ कार्यक्रम एवं जनपद व राज्यस्तर पर अन्य जन जागरूकता कार्यक्रम आयोजित करने पर विचार किया गया ।

आगामी वर्ष में चारधाम यात्रा को निर्बाध रूप से सम्पन्न कराने हेतु अभी से होमवर्क कर लिया जाये। उक्त सम्बन्ध में मुख्यालय स्तर से पूर्व में प्रेषित दिशा-निर्देशों का अनुपालन करते हुए इलेक्ट्रॉनिक साइन बोर्ड लगाने, होल्डिंग एरिया कैपेसिटी व पार्किंग एरिया चिन्हित करने हेतु निर्देश दिए गए। सभी जनपदों से 1 सप्ताह के भीतर चारधाम यात्रा के दौरान आने वाली समस्याओं/ सुझाव प्राथमिकता के साथ उपलब्ध कराने हेतु निर्देशित किया गया।

इस दौरान एपी अंशुमान-अपर पुलिस महानिदेशक, अभिसूचना, केएस नागन्याल-पुलिस महानिरीक्षक गढ़वाल परिक्षेत्र, नीलेश आनन्द भरणे-पुलिस महानिरीक्षक, अपराध एवं कानून व्यवस्था, अरुण मोहन जोशी-निदेशक यातायात, सेंथिल अबुदई कृष्ण राज एस-पुलिस उपमहानिरीक्षक, प्रो. एण्ड मार्ड., पी रेणुका देवी-पुलिस उपमहानिरीक्षक अपराध एवं कानून व्यवस्था, जनपदों के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक एवं पुलिस अधीक्षक सहित अन्य अधिकारीगण मौजूद रहे ।

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