Supreme Court on NEET Exam नई दिल्ली (महानाद) : नीट (NEET) परीक्षा की तैयारी करने की सोच रहे अभ्यर्थियों को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने एक बड़ा फैसला सुनाया है। अब डिस्टेंस एजुकेशन से पढ़ाई करने वाले भी नीट का एग्जाम दे सकेंगे। अभी तक केवल रेगुलर पढ़ाई करने वाले छात्र ही नीट की परीक्षा दे सकते थे। लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाते हुए मेडिकल काउसिल ऑफ इंडिया (MCI) द्वारा लगाई गई 27 साल पुरानी रोक हटा दी है।
आपको बता दें कि 27 साल पहले मेडिकल काउसिल ऑफ इंडिया ने डिस्टेंस से पढ़ाई करने वाले छात्रों को नीट का एग्जाम देने से रोक दिया था। लेकिन अब केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) या राज्य शिक्षा बोर्ड द्वारा मान्यता प्राप्त ओपन विद्यालयों से 10+2 उत्तीर्ण करने वाले छात्र भी सामान्य मेडिकल कॉलेज प्रवेश परीक्षा में बैठने के लिए योग्य हैं। मामले में न्यायमूर्ति पीएस नरसिम्हा और न्यायमूर्ति अरविंद कुमार की पीठ ने नोटिस जारी किया है।
विदित हो कि मेडिकल काउसिल ऑफ इंडिया ने ओपन स्कूल स्टूडेंट्स को नीट परीक्षा में बैठने की परमिशन देने वाले दिल्ली हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील दाखिल की थी। लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें एंट्रेंस एग्जाम में बैठने की अनुमति दे दी है।
दरअसल, मेडिकल काउंसिल कमेटी ने 1997 के रेगुलेशन ऑन ग्रेजुएट मेडिकल एजुकेशन के खंड 4 (2) ए के प्रावधानों के अनुसार ऐसे उम्मीदवारों को एग्जाम देने से रोक दिया था, जो डिस्टेंस एजुकेशन से पढ़ाई करते हैं। हालांकि, 2018 में दिल्ली हाईकोर्ट ने इस नियम को असंवैधानिक करार दिया था। जिसको लेकर मेडिकल काउंसिल कमेटी ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाई थी।