काशीपुर : पंत इंटर काॅलेज की समिति ने उठाये जांच अधिकारी पर सवाल, डीजी बंशीधर तिवारी ने किया नया जांच अधिकारी नियुक्त

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विकास अग्रवाल
काशीपुर (महानाद) : पं. गोविंद बल्लभ पंत शिक्षा समिति द्वारा काॅलेज और प्रधानाचार्य अजय शंकर कौशिक के बीच चल रहे विवाद में समिति ने जांच अधिकारी/खंड शिक्षा अधिकारी पर कई तरह के आरोप लगाते हुए महानिदेशक विद्यालयी शिक्षा उत्तराखंड बंशीधर तिवारी को पत्र लिखा था जिसके क्रम में महानिदेशक बंशीधर तिवारी ने संयुक्त निदेशक विद्यालयी शिक्षा को नया जांच अधिकारी नियुक्त किया है। जिसके क्रम में नये जांच अधिकारी ने काॅलेज में प्रबंधक से बातचीत की और सभी साक्ष्यों का संज्ञान लिया। उन्होंने अध्यापकों के बयान भी दर्ज किये हैं।

आपको बता दें कि पं. गोविंद बल्लभ पंत इंटर काॅलेज के प्रधानाचार्य अजय शंकर कौशिक पर अपने पुत्र को गलत तरीके से परीक्षा दिलवाने, परीक्षा से संबंधित रजिस्टर गायब करने और पीटीए फंड का दुरुपयोग करने के आरोप लगे हैं जिसके बाद पं. गोविंद बल्लभ पंत शिक्षा समिति द्वारा उन्हें प्रधानाचार्य के पद से सस्पेंड कर दिया है। उक्त विवादों की जांच करने के लिए मुख्य शिक्षा अधिकारी द्वारा खंड शिक्षा अधिकारी को जांच अधिकारी नियुक्त किया गया था। पं. गोविंद बल्लभ पंत शिक्षा समिति ने जांच अधिकारी से असंतुष्ट होने के कारण महानिदेशक विद्यालयी शिक्षा बंशीधर तिवारी को पत्र लिखकर उचित जांच की मांग करते हुए बताया था कि

पंडित गोविन्द बल्लभ पंत इंटर कालेज काशीपुर, ऊधम सिंह नगर के प्रधानाचार्य अजय शंकर कोशिक द्वारा पीटीए फंड में धांधली की जाती रही है। इस फंड के द्वारा जितनी भी नियुक्तियां की गयी हैं, वे सभी बिना किसी मीटिंग, साक्षात्कार और अध्यक्ष राजकुमार अरोरा को बिना बताये की गयी हैं।

मुख्य शिक्षा अधिकारी, ऊधम सिंह नगर के पत्र दिनांक 04.02.2023 के क्रम में गठित जांच समिति द्वारा विद्यालय में उत्पन्न विवादित स्थिति की जांच 06.02.2023 को की गयी।

खण्ड शिक्षा अधिकारी/जांच अधिकारी द्वारा उक्त पत्र के विषय में प्रबन्ध समिति व प्रधानाचार्य विवाद दर्शाया गया है। जबकि यह विवाद प्रधानाचार्य अजय शंकर कौशिक व अन्य अध्यापक के मध्य था।

यह जांच विद्यालय प्रबन्ध समिति व प्रधानाचार्य की जांच न होकर प्रधानाचार्य की पीटीए फण्ड में की गयी वित्तीय अनियमित्ता की जांच और प्रधानाचार्य के सुपुत्र के नियम विरुद्ध परीक्षा देने व पास करने से सम्बन्धित है।

जांच अधिकारी आरएस नेगी द्वारा इस धोखधड़ी व वित्तीय अनियमितता की इस जांच के मूल उद्देश्य को विलोपित कर जांच का उद्देश्य ही परिवर्तित कर दिया है।

जांच अधिकारी/खण्ड शिक्षा अधिकारी को निर्देशित किया गया था कि प्रधानाचार्य, पं. गो.ब.पन्त इण्टर कालेज काशीपुर को सम्बन्धित पत्रावली को पुनः खोजने एवं नहीं मिलने की स्थिति में तत्काल नियमानुसार प्राथमिकी दर्ज कराने हेतु आदेशित करें, किन्तु इसका पालन इनके द्वारा नहीं किया गया।

खण्ड शिक्षा अधिकारी/जांच अधिकारी यहां 2017 से कार्यरत हैं। प्रधानाचार्य व जांच अधिकारी का सम्बन्ध अत्यधिक घनिष्ठ हैं व खण्ड शिक्षा अधिकारी द्वारा अपने कार्यलय से सम्बन्धित कार्यों में अन्य प्रधानाचार्यों की अपेक्षा अजय शंकर कौशिक को अत्यधिक महत्व दिया जाता है।

एक दैनिक समाचार पत्र के 01.02.2023 के अंक में प्रधानाचार्य के बयान से स्पष्ट है कि उन्होंने अपने पुत्र की परीक्षा की अनुमति खण्ड शिक्षा अधिकारी/वर्तमान जांच अधिकारी से अनुमति प्राप्त कर बाद में परीक्षा करवायी। कोई भी अधिकारी अपने द्वारा दी गयी अनुचित अनुमति की जांच कैसे कर सकता है।

समिति द्वारा उपरोक्त आधार पर खण्ड शिक्षा अधिकारी, काशीपुर को जांच अधिकारी बनाये जाने की नियुक्ति निरस्त कर उच्च स्तरीय कमेटी का गठन करके निष्पक्ष जांच कराने का अनुरोध किया गया था। जिसके क्रम में महानिदेशक द्वारा संयुक्त निदेशक को जाँच अधिकारी नामित कर शिकायती पत्र में उल्लेखित तथ्यों की जांच करते हुए सुस्पष्ट आख्या महानिदेशालय को उपलब्ध कराने के निर्देश दिये गये हैं।