Uttarakhand News: धामी सरकार राज्य आंदोलनकारियों के लिए आज बड़ा फैसला लिया है। कैबिनेट बैठक में सरकार ने राज्य आंदोलनकारियों और उनके आश्रितों से जुड़ा अध्यादेश पेश किया। जिससे अब बताया जा रहा है कि सरकारी नौकरियों में राज्य आंदोलनकारियों और उनके आश्रितों के लिए 10 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण बहाल हो जाएगा।
मिली जानकारी के अनुसार उत्तराखंड राज्य निर्माण में योगदान देने वाले राज्य आंदोलनकारियों व उनके आश्रितों को अब सरकारी नौकरी में 10% क्षैतिज आरक्षण का फायदा मिल सकेगा। राज्य आंदोलनकारियों को 10 फीसदी क्षैतिज आरक्षण दिए जाने पर मंत्रिमंडल की मुहर लग चुकी है। साल 2004 से यह व्यवस्था लागू होगी और विधानसभा सदन के पटल पर इसका प्रस्ताव रखा जाएगा।
बता दें कि एनडी तिवारी सरकार ने वर्ष 2004 में राज्य आंदोलनकारियों को नौकरी में दस प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण का शासनादेश जारी किया था। लेकिन त्रिवेंद्र सरकार ने हाईकोर्ट के इस शासनादेश को रद्द कर दिया था। धामी सरकार ने भी वर्ष 2022 में इसका विधेयक पारित करके राज्यपाल को भेजा, लेकिन राजभवन इस पर आपत्ति लगाकर लौटा दिया था। राज्य आंदोलनकारी लगातार आरक्षण बहाली की मांग कर रहे है। इसके लिए कई बार उन्होंने देश की राजधानी दिल्ली में भी धरना प्रदर्शन किए थे।
मार्च में हुए गैरसैंण विधानसभा सत्र के दौरान भी राज्य आंदोलनकारी को आरक्षण का बिल विधानसभा में आने की उम्मीद थी लेकिन उस बजट सत्र के दौरान भी आरक्षण का बिल विधानसभा में नहीं आ पाया। इसके बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राज्य आंदोलनकारियो को भरोसा दिया था कि जल्द ही सरकारी नौकरी में 10% क्षैतिज आरक्षण का बिल विधानसभा में लाया जाएगा ।