उत्तरकाशी टनल में फंसे श्रमिकों को बचाने की जद्दोजहद जारी,अब नार्वे व थाईलैंड की विशेष टीमों से ली जा रही मदद …

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Uttarkashi Accident Update: उत्तरकाशी के सिलक्यारा में चारधाम रोड परियोजना की टनल में भू धंसाव से फंसे श्रमिकों को बचाने की जद्दोजहद जारी है। हादसे का आज चौथा दिन है।  पिछले 78 घंटे से सिलक्याला सुरंग में 40 जिंदगियों की सांस अटकी हुई है। अब दिल्ली से एयरलिफ्ट कर वायु सेना के हरक्यूलिस विमान से कई मशीनें लाई गई हैं। ये मशीनें टनल में रास्ता बनाने के लिए उपयोग की जाएंगी। तो वहीं अब नार्वे व थाईलैंड की विशेष टीमों की मदद भी ली जा रही है।

मिली जानकारी के अनुसार सुरंग में फंसे श्रमिकों को बाहर निकालने के लिए चल रहे खोज बचाव अभियान में कई तरह की बाधाएं उत्पन्न हो रही है। पहले कैविटी वाले क्षेत्र से लगातार गिरा और मलबे ने राह रोकी और फिर मशीन खराब हो गई। लाई जा रही नई मशीन के लिए सुरंग के अंदर प्लेटफार्म तैयार किया जा रहा है। गत मंगलवार को बनाए गए प्लेटफार्म और खराब हुई ऑगर ड्रिलिंग मशीन को हटाया गया है। अब इन मजदूरों को बचाने के लिए उम्मीदें भारी ऑगर मशीन पर भी टिकी हुई हैं

बताया जा रहा है कि पाइप पुशिंग तकनीकी वाली यह मशीन सुरंग में आए मलबे के बीच ड्रिलिंग कर 880 से 900 एमएम के पाइप को अंदर भेजेगी। इससे एक रास्ता तैयार होगा। उस रास्ते से टनल के अंदर फंसे लोग बाहर आ पाएंगे। एयरफोर्स के तीन विशेष विमान 25 टन भारी मशीन लेकर आ रहे हैं, जो मलबे को भेद स्टील पाइप दूसरी तरफ पहुंचाने में मददगार साबित होगी। मशीन से प्रति घंटे पांच मीटर मलबा पार किया जा सकेगा। आज शाम से शुरू होगा ये कार्य। अब नार्वे व थाईलैंड की विशेष टीमों की मदद भी ली जा रही है।

गौरतलब है कि रविवार सुबह निर्माणाधीन सिलक्यारा टनल में भूस्खलन हुआ था। भूस्खलन के बाद मलबा 60 मीटर के दायरे में फैला हुआ है। सोमवार से लेकर मंगलवार तक करीब 25 मीटर क्षेत्र से मलबा हटाया गया। लेकिन रुक-रुककर मलबा गिरना जारी है. इसके चलते राहत और बचाव कार्य प्रभावित हो रहा है।सोमवार दिन में यहां ऑगर मशीन से ड्रिलिंग करने का निर्णय लिया गया था. यह मशीन मंगलवार सुबह 6 बजे साइट पर पहुंची. जिसके लिए दिनभर पहले प्लेटफार्म तैयार करने का काम हुआ।

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