काशीपुर की युवती बनी लुटेरी दुल्हन, रुद्रपुर में गिरफ्तार, 1.5 दर्जन मुकदमें हैं दर्ज

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रुद्रपुर (महानाद) : एसएसपी उधम सिंह नगर मणिकांत मिश्रा के कुशल निर्देशन में पुलिस ने ब्लैकमेलिंग और धोखाधड़ी के धंधे का बड़ा खुलासा करते हुए अलग-अलग तरीके अपनाकर बड़े स्तर पर ठगी करनने वाली काशीपुर निवासी एक युवती को गिरफ्तार किया है।

आपको बता दें कि 6 जून 2025 को वसुंधरा फेस 1, भूरारानी रोड, रुद्रपुर निवासी दीपक कक्कड़ पुत्र स्व. ओम प्रकाश कक्कड़ ने पुलिस को तहरीर देकर बताया कि एक युवती, जिसने अपना नाम अंकिता शर्मा बताया और खुद को हाईकोर्ट का एडवोकेट बताया, ने व्हाट्सएप चैटिंग के जरिए धीरे-धीरे उसे अपने प्रेम जाल में फंसा लिया और धोखाधड़ी से उससे पांच लाख रुपये हड़प लिए। इसके बाद, महिला ने विवाह का नाटक कर दीपक के घर पर रहना शुरू कर दिया। घर में रहने के दौरान, अंकिता शर्मा ने दीपक कक्कड़ को तरह-तरह से प्रताड़ित करना शुरू कर दिया और उससे 30 लाख रुपये की मांग करने लगी। पैसे न देने पर वह दीपक का मर्डर करने या स्वयं आत्महत्या कर उसे और उसके परिवार को झूठे मुकदमे में फंसाने की धमकी देने लगी।

जब दीपक ने युवती के बारे में जानकारी की, तो उसे पता चला कि उक्त युवती का सही नाम हिना रावत पुत्री बलवंत सिंह निवासी खरमासा, कुंडेश्वरी, काशीपुर है। वह पहले से शादीशुदा है और लोगों को प्रेम जाल में फंसाकर बलात्कार आदि का झूठा आरोप लगाकर ब्लैकमेल कर पैसे ऐंठने का काम करती है।

दीपक कक्कड़ की तहरीर के आधार पर कोतवाली रुद्रपुर में युवती के खिलाफ धारा 308(4)/308(6), 318(4) भारतीय न्याय संहिता के तहत मुकदमा दर्ज किया गया।

एसएसपी उधम सिंह नगर मणिकांत मिश्रा

उक्त गंभीर अपराध की संवेदनशीलता को देखते हुए एसएसपी मणिकांत मिश्रा ने अभियोग के शीघ्र खुलासे के निर्देश दिए। घटना के अनावरण में लगी टीम ने अभियुक्ता हिना रावत (29 वर्ष) पुत्री बलवंत सिंह निवासी खरमासा, कुंडेश्वरी, काशीपुर को 6/7 जून 2025 की देर रात्रि में उदय होटल के पास से गिरफ्तार किया। उसके पास से दीपक से फिरौती के 50 हजार रुपये की नकदी और एक फर्जी आधार कार्ड बरामद हुआ।

पूछताछ के दौरान हिना रावत ने बताया कि उसके विरुद्ध उत्तर प्रदेश एवं उत्तराखंड के अलग-अलग थानों में कई मुकदमें पंजीकृत हैं। वह इन मुकदमों से बचने के लिए विदेश भागना चाहती थी और उसे विदेश भागने के लिए 30 लाख रुपये की जरूरत थी, इसीलिए उसने दीपक को अपने झूठे प्रेमजाल में फंसाया व तरह-तरह से प्रताड़ित करना शुरू कर दिया। पैसे न मिलने पर वह दीपक का मर्डर करने तथा स्वयं आत्महत्या कर उसे व उसके परिवार को फंसाने की धमकी देती थी। आज वह दीपक पर दबाव डालकर फिरौती की 50 हजार रुपये की रकम ले ही रही थी कि पुलिस ने उसे दबोच लिया।

हिना रावत उर्फ निकिता उर्फ अंकिता : ब्लैकमेलिंग और ठगी के विभिन्न तरीके –
हिना रावत अपने शिकार को फंसाने के लिए कई तरह के हथकंडे अपनाती थी, जैसा कि उसके आपराधिक इतिहास और पुलिस पूछताछ से पता चला है –
बिजनेसमैन बनकर ठगी –
हिना रावत कभी खुद को एक सफल बिजनेसमैन बताती थी। वह नए व्यवसायों में निवेश का झांसा देकर या साझेदारी की पेशकश करके लोगों को अपने जाल में फंसाती थी। वह आकर्षक व्यापारिक सौदों का लालच देकर उनसे मोटी रकम ऐंठ लेती थी, जिसके बाद वह गायब हो जाती थी।

रजनीगंधा ब्रांड की ब्रांड एंबेसडर बनकर ठगी –
हिना कभी खुद को प्रसिद्ध रजनीगंधा ब्रांड की ब्रांड एंबेसडर के रूप में प्रस्तुत करती थी। वह ग्लैमर और ऊंचे संपर्कों का ढोंग करके लोगों को प्रभावित करती थी। इस पहचान का उपयोग करके वह उनसे विज्ञापन या इवेंट के नाम पर पैसे वसूलती थी, जिसके बाद वह संपर्क तोड़ देती थी।

कॉन्ट्रेक्टर बनकर लूट –
हिना रावत ठेकेदार बनकर भी लोगों को लूटती थी। वह सरकारी या निजी परियोजनाओं के लिए बड़े-बड़े कॉन्ट्रेक्ट दिलाने का वादा करती थी। प्रोजेक्ट शुरू करने या टेंडर दिलाने के नाम पर वह सिक्योरिटी डिपॉजिट या अग्रिम भुगतान के रूप में मोटी रकम वसूल लेती थी।

हाईकोर्ट के काम और बड़े अपराधियों से साठगांठ –
हिना रावत खुद को हाईकोर्ट का एडवोकेट बताकर लोगों को ठगती थी। वह नामी वकीलों के नाम का इस्तेमाल करके कोर्ट के कामों को निपटाने का झांसा देती थी। इसके अलावा, वह बड़े-बड़े अपराधियों से साठगांठ करके उन्हें कानूनी पचड़ों से निकालने के नाम पर पैसे ऐंठती थी। वह आपराधिक मामलों में रियायत दिलाने या जमानत दिलवाने का झूठा आश्वासन देकर भारी भरकम शुल्क वसूलती थी।

मैट्रिमोनियल साइटों के माध्यम से अविवाहित बनकर ब्लैकमेलिंग –
हिना रावत मैट्रिमोनियल साइटों पर खुद को अविवाहित और योग्य दुल्हन के रूप में पेश करती थी। वह लोगों को प्रेम जाल में फंसाकर शादी करती थी और फिर उन्हें बलात्कार के झूठे मुकदमे में फंसाकर मोटी रकम ऐंठती थी। उसके कई पूर्व के मामले इसी अपराध करने के तरीके से जुड़े हैं।

अलग-अलग मोबाइल फोन्स तथा सिम कार्डों का इस्तेमाल –
अपनी पहचान छिपाने और पुलिस से बचने के लिए हिना रावत लगातार अलग-अलग मोबाइल फोन और सिम कार्ड का इस्तेमाल करती थी। यह उसके खिलाफ दर्ज कई मुकदमों में जांच को और अधिक जटिल बनाता था।

लोक-लिहाज के कारण कई पीड़ितों की चुप्पी –
पुलिस का मानना है कि हिना रावत के आकर्षक व्यक्तित्व और प्रभावशाली दिखावे के कारण बहुत से लोग उसके खिलाफ शिकायत दर्ज कराने से कतराते थे। सामाजिक प्रतिष्ठा और बदनामी के डर से कई पीड़ित अपनी ठगी या ब्लैकमेलिंग का शिकार होने के बावजूद चुप्पी साधे रहते थे, जिससे उसे और अधिक लोगों को ठगने का मौका मिलता था।

हिना रावत का एक लंबा आपराधिक इतिहास है, जिसमें उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के विभिन्न थानों में डेढ़ दर्जन से अधिक मुकदमे दर्ज हैं –
1- एफआईआर सं. 42/2018 धारा 380 आईपीसी थाना मुखानी, जनपद नैनीताल
2- एफआईआर सं. 59/2020 धारा 386/388/389 आईपीसी कोतवाली मुरादाबाद, उत्तर प्रदेश
3- एफआईआर सं. 302/2021 धारा 384/504/506/34 आईपीसी, थाना काशीपुर, उधम सिंह नगर
4- एफआईआर सं. 455/2021 धारा 323/406/420/506/120बी आईपीसी थाना ट्रांजिट कैम्प, उधम सिंह नगर
5- एफआईआर सं. 112/2022 धारा 384/506 आईपीसी थाना डिडोली, जनपद अमरोहा, उत्तर प्रदेश
6- एफआईआर सं. 734/2022 धारा 420 आईपीसी थाना काशीपुर, उधम सिंह नगर
7- एफआईआर सं. 618/2024 धारा 384/386/420/504 आईपीसी कोतवाली रुद्रपुर, उधम सिंह नगर
8- एफआईआर सं. 226/2025 धारा 420/506 आईपीसी, कोतवाली रुद्रपुर, उधम सिंह नगर
9- एफआईआर सं. 227/2025 धारा 386/420/504 आईपीसी, कोतवाली रुद्रपुर, उधम सिंह नगर

कोतवाल मनोज रतूड़ी ने बताया कि कोतवाली रुद्रपुर पुलिस द्वारा आगे की कार्रवाई की जा रही है और प्रकरण से जुड़े अन्य लोगों की भी तलाश की जा रही है। उन्होंने आम जनता से अपील की है कि वे ऐसे शातिर ठगों से सतर्क रहें और किसी भी तरह की धोखाधड़ी या ब्लैकमेलिंग की सूचना तुरंत पुलिस को दें।

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