देहरादून (महानाद) : उत्तराखंड में अब आपको अपने केस की सुनवाई के लिए कोर्ट-कचहरी के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे। अब कोर्ट आपके द्वार पर खुद पहुंचेगी, जहां मौके पर ही सुनवाई कर मामले का निपटारा किया जाएगा। इसके लिए 15 अगस्त से उत्तराखंड के 5 जिलों में मोबाइल कोर्ट (ई-कोर्ट) शुरू किया जा रहा है।
बता दें कि उत्तराखंड हाईकोर्ट प्रदेश के उन दूरदराज के पर्वतीय क्षेत्रों में मामलों के त्वरित निस्तारण के लिए ई-न्यायालय मोबाइल वैन शुरू करने जा रहा है। हाईकोर्ट के जनसंपर्क अधिकारी महेंद्र सिंह जलाल ने बताया कि उत्तराखंड हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश आरएस चौहान 15 अगस्त को उत्तरकाशी, टिहरी, चमोली, पिथौरागढ़ तथा चंपावत जिलों के लिए इंटरनेट सुविधा युक्त कंप्यूटर वाली पांच मोबाइल ई-न्यायालय वैन को हरी झंडी दिखायेंगे।
उकत मोबाइल ई-कोर्ट वैन सभी सुविधाओं से लैस होगी। इसमें कोर्ट रूम से लेकर कंप्यूटर, प्रिंटर, इंटरनेट तथा अन्य आवश्यक उपकरण भी होंगे। मोबाइल ई-कोर्ट वेन के संचालन की जिम्मेदारी उन जिलों के जिला जज की होगी। जिला जज ही तय करेंगे कि मोबाइल वैन को दूरदराज के किन इलाकों तथा किन मामलों के निपटारे के लिए भेजा जाए।
मुख्य न्यायाधीश आरएस चौहान का मानना है कि प्रदेश के पर्वतीय जिलों की विषम और भिन्न भौगोलिक परिस्थितियों के कारण याचिकाकर्ताओं को न्याय मिलने में देर हो जाती है। रेप, छेड़छाड़ तथा दहेज उत्पीड़न जैसे मामलों में पीड़ितों/गवाहों को अदालतों तक पहुंचने में आने वाली व्यवहारिक दिक्कतों के कारण न्याय मिलने में वर्षों लग जाते हैं। मोबाइल ई-न्यायालयों को त्वरित न्याय के सिद्धांत को वास्तविकता में तब्दील करने के लिए शुरू किया जा रहा है।