उत्तराखंड सरकार ने पीआरडी जवानों को सौगात दी है। बताया जा रहा है कि धामी कैबिनेट की महत्वपूर्ण बैठक में पीआरडी जवानों से संबंधित एक अहम निर्णय पर भी सहमती बनी है। जिसके तहत अब उत्तराखंड में पीआरडी एक्ट में संशोधन किया गया है। एक्ट लागू हो जाने के पश्चयात अब पीआरडी जवानों को अवकाश दिया जाएगा। साथ ही कई बड़े बदलाव किए गए है।
मिली जानकारी के अनुसार संशोधन के बाद अब विभिन्न प्रकार के कार्य जिसमे टेक्निकल ,चतुर्थ श्रेणी या अन्य विभागों में जहाँ उनकी आवश्यकता हो उन्हें वहां समायोजित किया जाएगा। साथ ही बताया जा रहा है कि पूर्व में पीआरडी जवानों व पीआरडी की गर्भवती महिला जवानों को किसी भी प्रकार का अवकाश देने की व्यवस्था एक्ट में नही थी लेकिन एक्ट लागू हो जाने के पश्चयात अब पीआरडी जवानों को अवकाश दिया जाएगा साथ ही ऐसी महिलाएं जो गर्भवती है उन्हें मातृत्व अवकाश इस एक्ट के लागू होने के पश्चयात प्रदान किया जाएगा।
बताया जा रहा है कि कि पूर्व में प्रान्तीय रक्षक दल में पंजीकरण हेतु आयु 18 से 45 वर्ष निर्धारित थी तथा स्वयंसेवक 50 वर्ष की आयु तक कार्य कर सकता था, जिसे वर्तमान में 18 से 42 वर्ष किया जा रहा है तथा हमारे जवानों को 60 वर्ष की आयु तक कार्य करने के अवसर प्राप्त होंगे। अब उत्तराखंड पीआरडी एक्ट लागू हो जाने के पश्चयात शान्ति सुरक्षा कार्यो में पुलिस सहयोग हेतु तैनात किये जाने वाले स्वयंसेवकों को वही सुरक्षा प्राप्त होगी, जो पुलिस को प्राप्त होती है।
गौरतलब है कि अभी तब तक पीआरडी एक्ट 1948 लागू था और तब से यही एक्ट उत्तराखंड में चलता हुआ आ रहा था क्योंकि हमारा अपना कोई पीआरडी एक्ट नही था। लेकिन अब कैबिनेट के माध्यम से उत्तराखंड का अपना पीआरडी एक्ट बनने जा रहा है। इस एक्ट में पीआरडी जवानों के लिए ऐसी व्यवस्थाए की गई हैं जिसमे जहां पूर्व में उनका सुरक्षा के दृष्टि से रजिस्ट्रेशन या भर्ती की जाती थी लेकिन अब इसे संसोधित करते हुए उनके विभिन्न प्रकार के कार्य जिसमे टेक्निकल ,चतुर्थ श्रेणी या अन्य विभागों में जहाँ उनकी आवश्यकता हो उन्हें वहां समायोजित किया जाएगा।