उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने राज्य सरकार को झटका देते हुए शराब के ट्रेटा पैक की बिक्री पर अगली तिथि तक रोक लगा दी है। साथ ही सरकार से 21 अप्रैल तक जवाब देने को कहा है। न्यायालय ने सरकार से पूछा है कि इससे कितना वेस्ट प्लास्टिक जनरेट होगा और इसका पर्यावरण पर कितना दुशप्रभाव पड़ेगा ? मुख्य न्यायाधीश विपीन सांघी और न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की खण्डपीठ ने मामले की अगली सुनवाई 21 अप्रैल के लिए तय की है।
चंपावत निवासी याचिकाकर्ता नरेश चन्द्र की ओर से जनहीत याचिका में कहा गया कि सरकार की नयी आबकारी नीति के अनुसार शराब के 200 एम.एल.के पैक को ट्रेटा पैक में बेचने की योजना है। जो सरकार के प्लास्टिक वेस्ट नियमावली के विरुद्ध है। जिसकी वजह से पर्यवारण को नुकसान होगा।
याचिकाकर्ता की ओर से इस पर रोक लगाने की मांग की गयी। याचिकाकर्ता की ओर से कहा गया की सरकार एक ओर प्लास्टिक कूड़े पर रोक नहीं लगा पा रही है। दूसरी तरफ टेट्रा पैकों में इसे बेचने की अनुमति भी दे रही है, जिसकी वजह से प्रदूषण और बढ़ेगा। जनहीत याचिका में राज्य सरकार, आबकारी सचिव, सचिव फारेस्ट को भी पक्षकार बनाया गया है।