सुहानी अग्रवाल
देहरादून (महानाद) : अब उत्तराखंड के बुजुर्गों को जल्द ही घर बैठे इलाज मिलेगा। स्वास्थ्य विभाग इसके लिए योजना तैयार करने में जुटा है। इस योजना के तहत स्वास्थ्य विभाग नियमित रूप से बुजुर्गों का हालचाल लेगा और उन्हें घर पर ही चिकित्सीय परामर्श, पैथोलाजी जांच तथा दवायें उपलब्ध करवायेगा।
आपको बता दें कि बुजुर्गों को अत्यधिक देखभाल की आवश्यकता होती है लेकिन उनके लिए बार-बार अस्पताल जाना बहुत ही चुनौतीपूर्ण होता है। खासकर राज्य के दूरस्थ पर्वतीय क्षेत्र में, जहां स्वास्थ्य इकाइयों तक पहुंच उतनी सुगम नहीं है। ऐसे में धामी सरकार ने इनकी देखभाल का जिम्मा उठाया है। जिसके तहत बुजुर्गों को अब घर बैठे ही इलाज मुहैया करवाया जायेगा। जिसके लिए राज्य सरकार विशेष स्वास्थ्य योजना लेकर आ रही है। इस योजना के तहत स्वास्थ्य विभाग हर 15 दिन में 60 वर्ष से अधिक आयु के बुजुर्गों को फोन करेगा और जरूरत होने पर उन्हें घर बैठे स्वास्थ्य जांच की सुविधा देगा।
यह योजना जल्द ही शुरू कर दी जाएगी। इसके तहत स्वास्थ्य कर्मियों की टीमें बनाई जाएंगी। जिसमें आशा कार्यकर्ती, सीएचओ आदि शामिल होंगे। ये टीम फोन पर जानकारी मिलने के बाद वृद्ध के घर जाकर उनकी जांच करेगी। जरूरत पड़ने पर उन्हें अस्पताल भी पहुंचाया जाएगा।
बता दें कि प्रदेश में 60 वर्ष से अधिक आयु के लगभग 8.70 लाख आयुष्मान कार्ड बने हैं। वहीं, इस आयु वर्ग के 2.91 लोग अब तक आयुष्मान योजना के तहत इलाज करा चुके हैं। इनकी स्वास्थ्य समस्याओं की जानकारी भी विभाग के पास है। राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण के पास उपलब्ध इस डेटा के माध्यम से विभाग बुजुर्गों तक अपनी पहुंच बनाएगा।
प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री धन सिंह रावत ने कहा कि प्रदेश में बुजुर्गों को घर बैठे इलाज की सुविधा देने की योजना आकार ले रही है। जिसमें उन्हें चिकित्सीय परामर्श, जांच आदि की सुविधा मिलेगी। इसमें वृद्धजनों की नियमित दवाएं भी शामिल हैं। सरकार का यह प्रयास है कि उन्हें घर पर ही दवा उपलब्ध करा दी जाए।