उत्तराखंड वासियों के लिए काम की खबर है। अब आपका बिजली का मीटर जल्द बदलने वाला है। पुराने मीटर हटाकर उनकी जगह पर अब स्मार्ट मीटर लगाये जायेंगे। यूपीसीएल ने जल्द ही पुराने बिजली के मीटरों को हटाकर नये स्मार्ट मीटर लगाने की कवायद शुरू कर दी है। स्मार्ट मीटर लगने के बाद आपको हर दिन एसएमएस के जरिये इस्तेमाल की गई यूनिट की जानकारी सहित कई जानकारियां फोन पर मिल सकेंगी। इससे आपको कई लाभ होंगे। आइए जानते हैं इसके बारे में।
अगले महीने से लगेंगे मीटर
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार केंद्र सरकार की आरडीएसएस योजना के तहत उत्तराखंड में 16 लाख नए स्मार्ट मीटर लगने हैं । अगले महीने से प्रदेश के लाखों घरों में पुराने बिजली के मीटर के स्थान पर नए स्मार्ट मीटर लगने शुरू हो जाएंगे । इसके बाद न मीटर रीडिंग की टेंशन रहेगी न ही बिल भुगतान को लेकर लाइन में लगने की। उत्तराखंड पावर कारपोरेशन लिमिटेड ने तैयारी पूरी कर ली है । इन मोटरों से मिलने वाले डाटा के विश्लेषण के लिए मुख्यालय में रियल टाइम एनर्जी मैनेजमेंट सिस्टम भी स्थापित किया जा रहा है ।
नहीं देना होगा मीटर के लिए कोई पैसा
बताया जा रहा है कि स्मार्ट मीटरों की शुरुआत सरकारी दफ्तरों और बड़े बिजली उपभोक्ताओं से होगी। वहीं उपभोक्ताओं को इस मीटर के लिए अलग से कोई खर्च नहीं देना होगा । मीटर का खर्च प्रति मीटर औसत छह हजार रुपये का खर्च आएगा। जिसमें से 22.5 प्रतिशत पैसा केंद्र से ग्रांट के तौर पर मिलेगा। बाकी पैसा मोटर लगाने वाली कंपनी को यूपीसीएल की ओर से प्रति मीटर प्रतिमाह के हिसाब से 10 साल तक दिया जाएगा।
रिचार्ज खत्म होते ही बिजली जाएगी कट
इन स्मार्ट मीटर में प्रीपेड मीटर जैसी व्यवस्था भी रहेगी । स्मार्ट मीटर में प्रीपेड मीटर जैसी व्यवस्था होने के बावजूद रात के समय और यहां तक की सार्वजनिक अवकाश वाले दिन भी पावर कट नहीं होगा । भले ही प्रीपेड व्यवस्था में पैसे न हों । इसके बाद ऊर्जा निगम को बिजली भुगतान को लेकर उपभोक्ताओं के चक्कर नहीं काटने होंगे । जैसे ही प्रीपेड मीटर के रूप में आपके नए स्मार्ट मीटर में रिचार्ज खत्म होगा , बिजली अपने आप कट जाएगी । इस सिस्टम में उपभोक्ताओं के लिए राहत की भी व्यवस्था की गई।
यूपीसीएल को होगा ये फायदा
बताया जा रहा है कि पिछले दिनों यूपीसीएल ने स्मार्ट मीटर लगाने वाली कंपनी के चयन को निविदा निकाली थी जो पूरी हो चुकी है । स्मार्ट मीटर लगने का बाद इनपर ऑनलाइन पूरा नियंत्रण यूपीसीएल के पास होगा। माना जा रहा है की स्मार्ट मीटर लगने से बिजली घाटे से भी यूपीसीएल उभर पायेगा। इसके अलावा उपभोक्ता की बिजली ख़पत की जानकारी उनके पास रहेगी, साथ ही बिजली मीटर रीडिंग लेने के लिए मैन पावर जैसी समस्याएं ख़त्म हो जायेंगी। मैन्यूअल काम कम हो जायेंगे।
अपने स्तर खर्च करेगी कंपनी
आरडीएसएस योजना में एडवांस मीटरिंग इंफ्रास्ट्रक्चर सर्विस प्रोवाइडर सिस्टम के तहत स्मार्ट मीटर लगाए जाएंगे। 16 लाख घरों में स्मार्ट मीटर लगेंगे। इसके लिए केंद्र के स्तर से 22 प्रतिशत वित्तीय सहायता दी जाएगी। केंद्र की ओर से जारी 2600 करोड़ रुपए के बजट में अन्य योजनाओं पर काम होने के बाद शेष बजट स्मार्ट मीटर लगाने वाली कंपनी को अपने स्तर पर खर्च करना होगा।