उत्तराखंड : महिला बीडीसी सदस्य को सच छुपाना पड़ा भारी, अब हो गई बड़ी कार्रवाई…

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रुद्रपुर (महानाद) : उत्तराखंड से बड़ी खबर रुद्रपुर से आ रही है। यहां एक बीडीसी सदस्य को सच छुपाना भारी पड़ गया है। झूठ का खुलासा होने पर बीडीसी सदस्य की कुर्सी छिन गई है। बताया जा रहा है कि 2019 में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में क्षेत्र पंचायत भमरौला की बीडीसी सदस्य को चार बच्चों की सूचना छिपाने पर हटा दिया गया है । क्षेत्र पंचायत सदस्य को अब त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में दोबारा भागीदारी करने का मौका नहीं मिलेगा ।

मीडिया रिपोर्टस के अनुसार रुद्रपुर के ग्राम भमरौला की बीडीसी सदस्य आभा सिंह की चार संतानें हैं। लेकिन उन्होंने दो बच्चों की जानकारी छुपा ली थी। जिसके बाद लोगों ने क्षेत्र पंचायत सदस्य का चुनाव लड़ी आभा सिंह की ओर से निर्वाचन अधिकारी के समक्ष प्रस्तुत किए गए शपथपत्र की जांच की मांग की थी । पंचस्थानी चुनावालय के सहायक जिला निर्वाचन अधिकारी ने रुद्रपुर तहसीलदार व खंड विकास अधिकारी को संयुक्त रूप से जांच सौंपी थी ।

जांच में सामने आया कि आभा सिंह की चार संतानें हैं। ग्राम पंचायत भमरौला के परिवार रजिस्टर की नकल में भी उनकी चार संतानें होनी पाईं गईं। जिला पंचायत राज अधिकारी रमेश चंद्र त्रिपाठी ने कहा कि क्षेत्र पंचायत सदस्य के नामांकन पत्र में दो से अधिक जीवित संतान हैं के जवाब में नहीं का उल्लेख किया गया था। जिसके बाद उनसे जवाब मांगा गया तो वह जवाब नहीं दे पाई।

मामले में सीडीओ आशीष भटगाईं ने बड़ी कार्रवाई की है। उन्होंने त्रिस्तरीय पंचायत सामान्य निर्वाचन में पंचायतीराज अधिनियम का दोषी पाए जाने पर क्षेत्र पंचायत सदस्य आभा सिंह को पद से हटा दिया गया है। जिसका आदेश जारी किया गया है।

गौरतलब है कि त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में उम्मीदवारी के लिए दो बच्चों की बाध्यता है। दो बच्चों से अधिक बच्चों वाले चुनाव में दावेदारी पेश नहीं कर सकते हैं। बावजूद , कई लोगों ने जानकारी छुपाकर चुनाव लड़ा और जीत भी हासिल। लेकिन , अब जांच के बाद कई मामलों में प्रधानों से लेकर क्षेत्र पंचायत सदस्यों तक की कुर्सी छिन चुकी है।