पराग अग्रवाल
जसपुर (महानाद) : सरकारी अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक ने एक झोलाछाप डॉक्टर के क्लीनिक पर छापा मारकर उस पर दस हजार रूपये का जुर्माना डाला तथा पंजीकरण कराने तक क्लीनिक को बंद करने के निर्देश दिये।
सीएचसी से मिली जानकारी के अनुसार ग्राम गढ़ीनेगी में एक झोलाछाप डाॅ. शमीम सैफी पुत्र शफीक अहमद बिना पंजीकरण के अपना क्लीनिक चला रहा था और बुखार आदि के मरीजों को बगैर किसी जांच के दवाइयां दे रहा था। इससे कोरोना के मरीजों को खतरा बना हुआ था। ग्रामीणों की शिकायत मिलने पर समुदायिक स्वास्थ्य केंद्र जसपुर के चिकित्सा अधीक्षक डाॅ. हितेश शर्मा ने कोविड प्रभारी डा. शाहरूख के साथ मिलकर क्लीनिक पर छापा मारा तथा क्लीनिक चलाने के जरूरी दस्तावेज मांगे। क्लीनिक संचालक शमीम सैफी कागजात नहीं दिखा सका। जिस पर डॉ. एसके शर्मा ने बिना पंजीकरण के क्लीनिक चलाने पर शमीम सैफी पर दस हजार रूपये का जुर्माना डाल दिया।
जानकारी देते हुए डा. शर्मा ने बताया कि क्लीनिक संचालक बिना लाइसेंस के क्लीनिक चला रहा था। वह लोगों को वैक्सीन न लगवाने के लिए भी प्रेरित कर रहा था। क्लीनिक स्वामी शमीम सैफी पर दस हजार रूपये का जुर्माना डाला गया है। सीएचसी की ओर से अचानक हुई छापामार कार्यवाही होने पर अन्य झोलाछाप डॉक्टरों में हड़कंप मच गया। मामला क्षेत्र में चर्चा का विषय बना हुआ है।