सुहानी अग्रवाल
देहरादून (महानाद) : एमडीडीएम उपाध्यक्ष बंशीधर तिवारी (आईएएस) ने बिल्डर्स को निर्देशित किया है कि कमर्शियल भवनों के निर्माण में टफन ग्लास का इस्तेमाल न किया जाए। उन्होंने कहा कि यह ग्लास ज्यादा एनर्जी ग्रहण करता है जिससे तापमान बढ़ता है। इसके स्थान पर वैक्यूम ग्लास का उपयोग किया जाये।
तिवारी ने कहा कि नक्शा स्वीकृति के दौरान इसे अनिवार्यता के रूप में शामिल किया जाएगा। इसके अलावा उन्होंने भवनों के निर्माण में ईको फ्रेंडली साम्रगी के इस्तेमाल के निर्देश भी दिए। बिल्डर्स ने बताया कि साउथ फेसिंग भवनों में वे वेदर कोट कर रहे हैं, जिससे तापमान में कमी आती है।
तिवारी ने कहा कि फसाड नीति में शामिल सभी 25 बिंदुओं को ईको फ्रेंडली निर्माण में इस्तेमाल करें। बिल्डरों ने बताया कि उनके द्वारा किये जा रहे निर्माण कार्यों में रिचार्ज पिट, रेन वाटर हार्वेस्टिंग आदि का इंतजाम किया जा रहा है जिस पर तिवारी ने इन तमाम कार्यों के भौतिक सत्यापन के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि ऐसे बिल्डरों को प्राधिकरण प्रोत्साहित भी करेगा जो ईको फ्रेंडली निर्माण कार्यों को प्राथमिकता देंगे।
वहीं, उपाध्यक्ष बंशीधर तिवारी ने बिल्डरों को निर्देशित किया कि बड़े आवासीय प्रोजेक्ट में बिल्डर यह भी सुनिश्चित करें कि पार्क इत्यादि में 25 प्रतिशत फलदार व छायादार पौधे रोपें जायें। बाहर सोलर लाइट्स लगाई जाएं। यह शर्तें अनिवार्य रूप से नक्शा स्वीकृति के समय पूर्ण करनी होंगी।