उन्नाव (महानाद) : पुलिस ने होटल संचालिका नीलम सैनी की कत्ल की कोशिश करने के मामले का खुलासा करते हुए मृतका के जीजा सहित 4 लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया।
बता दें कि विगत 5 नवंबर को होटल संचालिका नीलम सैनी घायल अवस्था में मोहनलालगंज कल्ली पश्चिम के जंगल में मिली थी जिसे ग्रामीणों ने ट्रामा-टू में भर्ती कराया था। उसका गला कटा हुआ था इसलिए वह बोल नहीं पा रही थी। नीलम ने अपने साथ हुई घटना के बारे में पुलिस को लिखकर बताया था।
मामले का खुलासा करते हुए एडिशनल डीसीपी चिरंजीव नाथ सिन्हा ने बताया कि उन्नाव निवासी रामचंद्र की एक बेटी नीलम की शादी 15 साल पहले हुई थी। वह पारा के फतेहगंज में रहकर चाय का होटल चलाती है। रामचंद्र ने नीलम को एक मकान और प्लाट आदि गिफ्ट में दिए थे। लेकिन उसने अपनी दूसरी बेटी सुमन को कुछ नहीं दिया था जिससे सुमन का पति संतोष नाराज रहता था और उसने नीलम की शादी तुड़वा दी थी। जिससे उसका ससुर रामचंद्र उससे चिढ़ता था। रामचंद्र अपनी बेटी नीलम को लखनऊ में बना करीब 3 करोड़ कीमत का मकान और उन्नाव का 2.5 बीघा का प्लाट भी देना चाहते थे। उक्त मकान और प्लाट को हड़पने के लालच में संतोष ने नीलम को रास्ते से हटाने की योजना बना डाली। संतोष ने उसका साथ देने के बदले अपने एक साथी आसिफ अंसारी को 1000 स्क्वायर फीट का प्लाट और 10 लाख रुपये नकद देने का वादा किया जिस पर आसिफ ने अपनी भांजी आसमा को भी नीलम की हत्या करने की साजिश में शामिल कर लिया।
डीसीपी नाथ ने बताया कि वारदात से 15 दिन पहले आसमा नीलम के होटल पर जाकर बैठने लगी और उससे दोस्ती गांठ ली। वहीं संतोष ने नीलम की हत्या को अंजाम देने और सारे सबूत मिटाने के लिए अजय देवगन की फिल दृश्यम को लगभग दस बार देखा और उसे देखकर नीलम की हत्या की प्लानिंग बनाई।
एसीपी काकोरी अनूप कुमार सिंह ने जानकारी देते हुए बताया कि वारदात को अंजाम देने के लिए संतोष ने एक ग्रे रंग की इनोवा के नंबर की फर्जी नंबर प्लेट बनवा ली और फिर एक दूसरी उसी रंग की इनोवा का इंतजाम कर लिया। आसिफ ने अपने परिचित शुभम की मदद से उसमें फर्जी नंबर प्लेट लगा दी। आसमा और शुभम जब नीलम को लेकर जा रहे थे तो इनोवा बुद्धेश्वर चौराहे पर लगे आइटीएमएस (इंटीग्रेटेड ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम) के एएनपीआर (आटोमेटिक नंबर प्लेट रिकग्निशन कैमरे) में आ गई थी। फुटेज के आधार पर गाड़ी की तफ्तीश की गई तो गाड़ी मालिक को पकड़ा गया। लेकिन पूछताछ में उसके खिलाफ कोई सबूत नहीं मिले। इसके बाद और कई कैमरे चेक किए गए। एक कैमरे में इनोवा का टूटा व्हील कवर मिला। टूटे व्हील कवर की इनोवा को ट्रेस करने के लिए 1900 सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगाली गई तो राजाजीपुरम, एलडीए कालोनी के पास पथरकट्टा के पास टूटे व्हील कवर वाली इनोवा खड़ी मिल गई। सीसीटीवी फुटेज से मिलान के आधार पर सबसे पहले शुभम पकड़ा गया और अन्य लोग भी पकड़े गए।
पूछताछ करने पर उन्होंने बताया कि 5 नवंबर को चारों लोगों ने अपने मोबाइल फोन स्विच ऑफ कर उन्नाव भेज दिए। 6 नवंबर को आसमा ने नीलम से कहा कि उसे पूजा का सामान खरीदना है और नीलम को इनोवा कार से लेकर बुद्धेश्वर पहुंची। बुद्धेश्वर चौराहे पर चालक शुभम जूस लेकर आया। नीलम के ग्लास में बेहोशी की गोलियां डाल दी जिसे पीने के बाद नीलम बेहोश हो गई। इसके बाद संतोष और आसिफ आकर कार में बैठ गये।
इसके बाद उन्होंने नीलम का गला दबाकर मारने की कोशिश की लेकिन वह नहीं मरी। इसके बाद ब्लेड से उसका गला रेत कर मोहनलालगंज कल्ली पश्चिम के जंगल में फेंक दिया। लेकिन नीलम फिर भी बच गई। ग्रामीणों की सूचना पर उसे ट्रामा-टू में भर्ती कराया गया। नीलम बोल नहीं पा रहा थी तो उसने अस्पताल में कागज पर लिखकर अपने पिता और घरवालों के बारे में बताया
गिरफ्तार किये गये अभियुक्त –
1. नीलम का जीजा संतोष कुमार सैनी उर्फ मंत्री निवासी बाराबंकी, रामनगर विछलका।
2. मौ. आसिफ अंसारी उर्फ मुन्नू व उसकी भांजी आसमा बानो निवासी हुसैनगंज, पजावा, छितवापुर।
3. शुभम यादव निवासी राजाजीपुरम सेक्टर 12