उत्तराखंड संगीत जगत में शोक की लहर, लोकप्रिय गायक देवराज रंगीला का निधन…

0
350

उत्तराखंड के लिए दुखद खबर सामने आई है। बताया जा रहा है कि  1980 के दशक के उत्तराखंड के बहुत ही चर्चित और लोकप्रिय गायक और संगीतकार देवराज रंगीला का मंगलवार को दिल्ली में निधन हो गया हैं, जिससे उत्तराखंड संगीत जगत में शोक की लहर छा गई है। रंगीला का उत्तराखण्ड संगीत जगत में अमूल्य योगदान को कभी भुलाया नही जा सकता

बताया जा रहा है कि देवराज रंगीला उत्तराखंड के लोकगीतों के गुरु माने जाते हैं, उनके पास उत्तराखंड के लोकगीतों का सबसे बड़ा संग्रह रहा, उनका जन्म 15 सितंबर 1962 को पौड़ी जिले के गिंवाली गांव में हुआ, पिता दिलवर सिंह प्रसिद्ध लोक लय वादक और गायक थे, इसी कारण उन्हें लोक संगीत विरासत में मिला, उनके बड़े भाई चंद्र सिंह राही एक प्रसिद्ध लोक गायक रहे हैं, उनका पूरा परिवार आज भी संगीत से जुड़ा हुआ है। यह उत्तराखंड में लोक संगीत का सबसे बड़ा घर है।

देवराज रंगीला ने भारतीय राज्य उत्तराखंड क्षेत्र के लिए बड़ी मात्रा में संगीत और गीतों की सेवा की है। उन्होंने उत्तराखंड को एक से बढ़कर एक गीत संगीत दिए। उनके चर्चित गीतों “कफुल्या रंग कि घाघरी” “झांपा जजमनी छांछ” “देवता इगासर देवता” शामिल है। देवराज के कई गीत आज भी लोगों के जुबान पर हैं। वह लंबे समय से बीमार चल रहे थे।

वहीं देवराज रंगीला के निधन पर उत्तराखंड के सुप्रसिद्ध लोक गायक नरेंद्र सिंह नेगी ने शोक संवेदना व्यक्त करते हुए लिखा कि दुःखद सूचना मिली कि हमारे उत्तराखण्ड के संगीतकार “देवराज रंगीला” जी हमारे बीच नहीं रहे परमात्मा उनकी आत्मा को शांति एवं परिवार को शक्ति प्रदान करें ओम शांति।

वहीं जागर सम्राट पदम प्रीतम भरतवाण ने भी देव राज रंगीला के निधन पर गहरा दुख प्रकट किया है। उत्तराखंड के जाने-माने प्रसिद्ध अभिनेता बलदेव राणा, प्रसिद्ध फिल्म निर्मात्री लेखक निर्देशिका उर्मि नेगी प्रसिद्ध अभिनेता, बलराज नेगी ने भी उनके निधन पर गहरा दुख प्रकट किया।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here