रिम्पी बिष्ट
हल्द्वानी (महानाद) : पुलिस ने जय गुरु ज्वैलर्स की मालकिन रीता खंडेलवाल से 50 लाख की फिरौती मांगने के मामले का खुलासा करते हुए 5 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। हल्द्वानी पुलिस ने 4 दिन के अन्दर बड़ी कार्रवाई करते हुए परत दर परत केस को खोल दिया। पुलिस की जांच में जेल की सुरक्षा पर भी सवाल खड़े हुए हैं, क्योंकि फिरौती के लिए फोन जेल के अंदर से आया था।
मामले का खुलासा करते हुए एसएसपी प्रीति प्रियदर्शिनी ने बताया कि 1 जनवरी को जय गुरु ज्वैलर्स की मालकिन रीता खंडेलवाल ने पुलिस को शिकायत दर्ज कराते हुए बताया था कि उनके मोबाइल फोन पर किसी दल्लू नाम के व्यक्ति ने काॅल करके 50 लाख की फिरौती मांगी है और फिरौती न देने पर उन्हें व उनके बच्चों को जान से मारने की धमकी दी है। पुलिस ने तत्काल मामले में मुकदमा दर्ज कर सीओ हल्द्वानी भूपेंद्र सिंह धोनी के पर्यवेक्षण में एसओजी की संयुक्त टीमों का गठन किया और जांच शुरू कर दी।
पुलिस ने जब फिरौती के लिए आने वाले काॅल नंबर को ट्रेस किया तो वह नंबर घटना के समय केंद्रीय कारागार, सितारगंज में एक्टिव पाया गया। जिसके बाद पुलिस ने अपनी जांच और तेज कर दी। प्रारंभिक पूछताछ में पता चला कि यह नंबर दुर्गा प्रसाद निवासी रुद्रपुर के नाम पर दर्ज है। जब उनसे पूछताछ की गई तो उन्होंने बताया कि उन्होंने इस नंबर को कभी प्रयोग नहीं किया है। जांच में यह पता चला कि यह सिम महेंद्र गंगवार और नरेंद्र गंगवार जो छतरी लगाकर सिम बेचने का काम करते थे। इन्होंने अपने दोस्त दीपक राठौर को दिया। दीपक राठौर का भाई राहुल राठौर जो कि पहले से हत्या के मुकदमे में आजीवन कारावास की सजा के लिए दंडित हुआ है और सितारगंज सेंट्रल जेल में बंद है, उस तक पहुंचाया और राहुल राठौर जेल में बंद होकर अपना वर्चस्व बढ़ाने के लिए प्रभावशाली वह पैसे वाले लोगों से रंगदारी वसूलने की योजना बनाने लगा।
एसएसपी ने बताया कि इसके लिए राहुल राठौर ने अपनी महिला मित्र अंकिता पत्नी धीरेंद्र कुमार और अंजलि उर्फ अंजू पत्नी अजय रस्तोगी जो कि जेल में मिलने आते जाते रहते थे, एक फर्जी सिम की व्यवस्था करने की जिम्मेदारी दी थी। इसके लिए अपने भाई दीपक राठौर की मदद लेने के लिए भी कहा था। जिसके बाद अंकिता और अंजलि ने दीपक राठौर से संपर्क किया और जेल में बंद राहुल राठौर की योजना के बारे में बताया तो दीपक ने अपने मित्र महेंद्र और नरेंद्र जो कि सिम कार्ड बेचने का काम करते थे उनसे दुर्गा प्रसाद का नंबर पोर्ट करने के बहाने उनकी आईडी का इस्तेमाल करते हुए स्कैन करा कर ले लिया और जेल में जाकर राहुल राठौर को दे दिया।
जिसके बाद जेल से ही राहुल राठौर ने हल्द्वानी की जय गुरु ज्वेलर्स की मालकिन रीता खंडेलवाल को फोन कर 50 लाख रुपये की रंगदारी मांगी और उसके बाद सिम और मोबाइल को जेल परिसर में ही नष्ट कर दिया। इस पूरी घटना को अंजाम देने वाले आरोपी दीपक राठौर, महेंद्र सिंह गंगवार, नरेंद्र सिंह गंगवार और अभियोक्ता अंजलि और अंकिता को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। सितारगंज जेल में पहले से बंद राहुल राठौर को रिमांड में लेने की कार्रवाई की जा रही है।
उधर, 50 लाख रुपये की फिरौती मांगने के मामले में एक बार फिर से सितारगंज जेल की सुरक्षा पर सवाल खड़े हुए हैं। पुलिस के खुलासे ने इस बात पर मुहर लगाई है कि आखिर जेल के भीतर कैदी के पास सिम और मोबाइल कैसे पहुंच गया।
एसएसपी नैनीताल का कहना है कि अभी इस पूरे मामले में जांच की जा रही है। धीरे-धीरे इसका भी खुलासा हो जायेगा।