काशीपुर : पूर्व कमेटी से मदरसे के चंदे का हिसाब दिलवाने को लिखा मुख्यमंत्री को पत्र

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काशीपुर (महानाद) : मौ. बांसफौड़ान स्थित मदरसा इसलाउलकोम की पूर्व कमेटी से विगत वर्षों में मिले चंदे का हिसाब दिलवाने को माहीगीर बिरादरी के कुछ लोगों ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखा है।

मुख्यमंत्री को लिखे पत्र में लोगों ने बताया कि मौ. बांसफौड़ान स्थित मदरसा इसलाउलकोम बच्चों को दीनी इस्लामी तालीम देता है। तथा कमेटी के माध्यम से चन्दा एकत्र कर मदरसे का संचालन किया जाता है। मदरसे की पूर्व कमेटी ने पिछले 18 वर्षों तक चन्दा इकट्ठा करके मदरसे को चलाया, परन्तु कभी भी समाज के सभ्रांत व्यक्तियों के समक्ष अथवा मौहल्ले की पंचायत के समक्ष ना तो कभी मदरसे की आमदनी व खचों का हिसाब किताब दिया और ना ही कभी पंचायत को बताने का प्रयास किया।

मौहल्ले की पंचायत ने जब उक्त मदरसा कमेटी से पिछले 18 वर्षों का मदरसे को प्राप्त चंदे का तथा मदरसे पर हुये खर्च का हिसाब किताब मांगा तो मदरसा इसलाउलकोम स्थित मौहल्ला बांसफोड़ान की कमेटी के लोगों ने बताया कि हमारे पास मदरसे का कुल 1,38,000 /- रुपये हैं, इस पर जब पंचायत ने कहा कि आप लोग प्रत्येक साल का हिसाब दीजिये तो मदरसा इसलाउलकोम की कमेटी के पदाधिकारीगण जिसमें 1. सदर, इकबाल पुत्र अली हुसैन 2. नायब सदर, जाहिद चौधरी पुत्र नसीबुल्ला 3. सेक्रेट्री , शाहिद हुसैन पुत्र हाजी अब्दुल अजीज तथा खजान्ची रईस अहमद पुत्र शफीका आदि लोगों ने कहा कि हमने पिछला हिसाब किताब सब जलाकर खत्म कर दिया है। हमारे पास हिसाब-किताब के नाम पर केवल 1,38,000/- रुपये हैं।

पंचायत द्वारा हिसाब-किताब के लिये जोर देने पर मदरसा इसलाउलकोम की कमेटी के लोग लड़ाई-झगड़े पर उतारू हो गये। तब पंचायत ने मदरसा इसलाउलकोम की इस कमेटी को भंग कर दिया तथा मदरसा इसलाउलकोम की नई कमेटी का गठन कर दिया गया। जिसमें 1. सदर , आरिफ पुत्र मुबारिक, 2. नायब सदर, वाजिद पुत्र लतीफ, 3. सेक्रेट्री , अली जान पुत्र जाफिर तथा खजान्ची मौ. नबी पुत्र गुलाम नबी आदि लोग हैं ।

मदरसा इसलाउलकोम की नई कमेटी ने भी जब पुरानी कमेटी से 1,38,000 / -रुपये तथा पिछले 18 वर्षों का हिसाब – किताब का रिकॉर्ड मांगा तो पुरानी कमेटी के उपरोक्त लोग मारपीट पर उतारू हो गये। पंचायत के बीच में पड़ने पर पिछली कमेटी के पदाधिकारी बार-बार 1,38,000 /- रुपये देने का पिछले लगभग 10-11 माह से लगातार आश्वासन देते चले आ रहे हैं। जिसमें ये लोग कभी तीन माह का, कभी चार माह का कई बार समय भी ले चुके हैं। परन्तु ना तो ये लोग मदरसा इसलाउलकोम कमेटी में जमा 1,38,000 / -रुपये नई कमेटी को सौंप रहे हैं और ना ही कोई हिसाब-किताब के रजिस्टर, रसीद बुकें आदि कागजात ही दे रहे हैं।

माहीगीर बिरादरी के लोगों ने मुख्यमंत्री से मदरसा इसलाउलकोम मौ. बांसफोड़ान, काशीपुर की पूर्व कमेटी के उपरोक्त लोगों से नई कमेटी को पूर्व कमेटी के पास जमा 1,38,000/- रुपये तथा पिछले हिसाब-किताब के रजिस्टर कागजात दिलाये जाने की मांग की है।

वहीं, इन लोगों ने इस संबंध में मुख्यमंत्री के अलावा, उत्तराखंड के राज्यपाल, डीजीपी उत्तराखंड, जिलाधिकारी उधम सिंह नगर, एसपी काशीपुर, एसडीएम काशीपुर को भी पत्र लिखकर उक्त हिसाब किताब व पैसे दिलाये जाने की मांग की है।

पत्र लिखने वालों में अकबर, नईम, मौ. इसरार, मौ. मोहसिन, मौ. निसार, शहजाद अली, जाहिद हुसैन, शेर मौहम्मद, साकिर हुसैन आदि शामिल हैं।

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