आकाश गुप्ता
काशीपुर (महानाद) : संयुक्त किसान मोर्चा के ऐलान पर आज देशभर में 6 घंटे का रेल रोको आंदोलन भयंकर बरसात होने के बाद भी नहीं थमा। केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा टेनी को उनके पद से हटाने और सरकार द्वारा लागू 3 कृषि कानूनों को वापस लिया जाए। एमएसपी पर गारंटी कानून बनाया जाए।
बता दें कि उत्तराखंड राज्य के भारतीय किसान यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष कर्म सिंह पड़्डा एवं प्रदेश अध्यक्ष युवा जितेंद्र सिंह जीतू के नेतृत्व में सैकड़ों किसानों ने काशीपुर रेलवे स्टेशन पर पहुंचकर लखीमपुर खीरी में किसानों पर हुई बर्बर हत्या के विरोध में गिरफ्तारी के चलते केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा को पद से बर्खास्त करने की मांग को लेकर भयंकर बरसात में भी अपना आंदोलन जारी रखा।
किसान मोर्चा के मीडिया प्रभारी जगतार सिंह बाजवा ने पत्रकारों से बात करते हुए बताया है कि किसानों के हौसलों को बरसात नहीं रोक सकती। वह अपना आंदोलन संयुक्त किसान मोर्चा के तय समय के अनुसार ही शुरू करने के बाद तय समय पर ही खत्म करेंगे। रेल रोको आंदोलन कर रहे किसानों ने ट्रेन से सफर कर रहे यात्रियों की सुविधा के लिए पूर्ण रूप से चाय व लंगर की भी व्यवस्था की है। जिससे किसी को भूखा प्यासा नहीं रहने दिया गया। उन्होंने मांग की है, कि सरकार लखीमपुर खीरी के गुनाहगारों व मुख्य आरोपी अशीष मिश्रा को गिरफ्तार कर किसानों को न्याय दें ताकि आने वाले समय में किसानों के साथ हुई इस तरीके से बर्बर हत्या की कोई हिमाकत ना कर सके।
गौरतलब है कि लखीमपुर खीरी की घटना में जिस तरह से किसानों को गाड़ी से कुचल कर मौत की नींद सुला दिया जाता है, ऐसी हिंसा की जितनी भी निंदा की जा सके उतनी ही कम है, लेकिन सरकार किसानों की आवाज को दबाना चाहती है। लेकिन किसान दबेंगे नहीं। हिंसक घटना से नाराज किसान केंद्रीय मंत्री को हटाने की मांग कर रहे हैं।
बता दें कि इस घटना में अजय मिश्रा का बेटा आशीष मिश्रा मुख्य आरोपी है। शनिवार को किसानों की ओर से बयान जारी करके कहा गया कि अजय मिश्रा को मंत्री पद से हटाया जाए और उनके बेटे को गिरफ्तार किया जाए ताकि लखीमपुर हिंसा मामले में न्याय हो सके, लेकिन सरकार के इस लचीले रवैया से किसानों में आक्रोश है। जिसके चलते 18 अक्टूबर को 6 घंटे तक ट्रेनों के संचालन रोकने के लिए किसानों को ट्रेनों की पटरियों पर आंदोलित होना पड़ा। इस रेल रोको आंदोलन से ट्रेनों का संचालन सुबह 10 बजे से शाम 4 बजे तक बंद रहा। किसान मोर्चा ने इस आंदोलन को शांतिपूर्ण तरीके से करने का आह्वान करने की पूर्ण जिम्मेदारी ली है।
इस मौके पर सुरजीत सिंह ढिल्लों, मनप्रीत सिंह, रमनदीप सिंह, जसवीर सिंह, बलविंदर मिंद्रा, अवतार सिंह, राजू छीना, हरपाल सिंह आदि दर्जनों किसान शामिल रहे।