गोविंद शर्मा
देवबंद (महानाद) : सरकार के लाख प्रयासों के बाद भी मुस्लिम समाज कोविड वैक्सीनेशन कराने से बच रहा है। देवबंद सीएचसी क्षेत्र के दर्जनों ग्रामों तथा नगर की बड़ी जनसंख्या अभी भी कोविड टीका लगवाने से बच रहे हैं।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार नगर की डेढ़ लाख जनसंख्या में से मुस्लिम समाज में बड़ी संख्या में लोगों के द्वारा बार-बार प्रयासों के बाद भी कोरोना वैक्सीन का टीका नहीं लगाया जा रहा है। स्थानीय स्वास्थ्य प्रशासन के द्वारा टीकाकरण किये जाने के लिए लगातार सामाजिक, राजनैतिक और धार्मिक नेताओं से इस सम्बंध में चर्चा करके सहयोग की अपील की जाती रही है, लेकिन नतीजा ठन-ठन गोपाल ही नजर आ रहा है।
अफसोस की बात यह है कि मुस्लिम समाज के विद्वानों से स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी कई बार कोविड टीकाकरण को लेकर मिल चुके हैं लेकिन सफलता नहीं मिली है। तीसरी लहर के खतरे को देखते हुए सरकार द्वारा कोविड को रोकने के लिए हर आवश्यक कदम उठाये जा रहे हैं, लेकिन आपेक्षित प्रतिफल प्राप्त नहीं हो रहा है।
स्थानीय प्रशासन ने सभी सभासदों, सरकारी सस्ता गल्ला व्यापारियों से अनुरोध किया था कि टीका न लगवाने वाले को कहें कि पहले टीका लगवायें उसके बाद ही राशन दिया जाये। प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग के लाख प्रयासों के बाद भी टीकाकरण बढ़ता नजर नहीं आ रहा है। इसके पीछे भारत सरकार की इस योजना का सीधा सीधा विरोध है। क्षेत्र के दर्जनों मुस्लिम बहुल ग्रामों में भी यही स्थिति है।
काली पार इलाका से कुछ शिक्षित तथा कुछ वे लोग जो देश से बाहर किसी कार्य से जाते हैं, टीका लगवा रहे हैं। सरकार को कोविड टीकाकरण को पोलियो टीकाकरण की तरह ही घर-घर अभियान चला कर कराना चाहिये। नगर और क्षेत्र में लगभग 90 प्रतिशत हिन्दू (बच्चों को छोड कर) टीकाकरण करा चुके हैं तो मुस्लिम समाज में अभी तक 20 प्रतिशत ही लोगों ने टीका लगवाया है। जिला प्रशासन को इस समस्या से निपटने के लिए कड़े प्रयास करने चाहिए। ऐसी स्थिति ही यदि बनी रही तो भविष्य में बढ़ते तीसरी लहर के खतरे को रोकना असंभव होगा।