पराग अग्रवाल
जसपुर (महानाद) : कुंडा क्षेत्र के ग्राम जगतपुर पट्टी, गोरा फार्म स्थित माता हिडिंबा देवी का प्राचीन मंदिर है। प्रत्येक वर्ष मंदिर में विशाल भंडारा और मेले का आयोजन किया जाता है। दूर-दराज से श्रद्धालु अपनी आस्था के अनुसार अपनी मांगों को माता के दरबार में माथा टेक कर मन्नत मांगते हैं और माता का आशीर्वाद लेते हैं। माना जाता है कि माता श्रद्धालुओं की मन्नतें पूरी करती हैं, मंदिर प्रांगण में एक विशाल मेले का आयोजन को कुंडा थाना पुलिस, फायर सर्विस पुलिस एवं पीएसी के जवानों के द्वारा एक जिम्मेदारी के साथ निभाते हैं। तीन दिन पहले ही कुंडा थाने में आये नवनियुक्त थाना अध्यक्ष प्रदीप नेगी इस बड़ी जिम्मेदारी को बहुत अच्छी तरह से निभा रहे हैं।
बता दें कि मंदिर के पुजारी के अनुसार हस्तिनापुर में कौरव और पांडवों का राज्य हुआ करता था। कौरवों ने पांडवों को छल पूर्वक जुए में हरा दिया था। पांडवों को 12 वर्ष का बनवास हुआ था। पांडवों ने हस्तिनापुर से इसी जंगल के रास्ते होते हुए नेपाल तक भ्रमण करते हुए अपना प्रवास पूर्ण किया था। जगतपुर पट्टी, गोरा फार्म जहां पर माता हिडिंबा का मंदिर है यहां पर हिडीम राक्षस अपनी बहन हिडिंबा के साथ रहता था। जब पांडव अपनी माता कुंती के साथ यहां से गुजर रहे थे तब हिडीम राक्षस ने पांडवों को मारना चाहा परंतु पांडवों के भाई भीम ने राक्षस से युद्ध करके उसको मार गिराया। तब हिडिंबा राक्षसी ने भीम से शादी करने का अनुरोध किया। माता कुंती के कहने पर भीम ने हिडिंबा से शादी की और पुत्र की प्राप्ति तक भीम हिडिंबा के साथ इसी स्थान पर रहे। भीम और हिडिंबा के घटोत्कच नामक पुत्र पैदा हुआ जो बहुत बलवान था। यह मंदिर की विशेषता है।
मंदिर के पुजारी कहते हैं कि जो श्रद्धालु अपनी परेशानी माता के चरणों में सच्चे दिल से हाजिरी लगाता है। माता उसकी मुराद पूरी करती हैं।