शेफाली की जिंदगी में रोशनी की किरण बन कर आये एसडीएम अभय प्रताप सिंह

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समाजसेवी गगन कांबोज की रही सराहनीय भूमिका

आकाश गुप्ता
काशीपुर (महानाद) : पति के इलाज के लिये दर-दर भटक रही शेफाली को एसडीएम काशीपुर अभय प्रताप सिंह का सहारा मिला। जिसके चलते उसके पति मोनू का इलाज कल से काशीपुर के एक निजी अस्पताल में शुरू हो गया। इस पुनीत कार्य मे समाजसेवी गगन काम्बोज की भूमिका भी सराहनीय रही।

आपको बता दें कि पति को हुई गम्भीर बीमारी का इलाज कराने के लिये प्रतापपुर निवासी शेफाली एक अस्पताल से दूसरे अस्पताल भटक रही थी। आयुष्मान कार्ड होने के बावजूद भी उसे काशीपुर के अस्पतालों से इलाज नहीं मिल पा रहा था। काशीपुर के कई अस्पतालों के चक्कर काटने के बाद समाजसेवी गगन काम्बोज के सहयोग से वह सुशीला तिवारी अस्पताल हल्द्वानी पहुँची परन्तु वहाँ से उसे एम्स जाने की सलाह दे दी गई।

आखिरकार दर-दर भटकती महिला अपने पति को लेकर बीती सायं एसडीएम कार्यालय के बाहर बैठ गई। यहाँ बता दें कि शेफाली का पति मोनू दिहाड़ी मजदूरी कर अपने परिवार का पालन पोषण करता है। बीते लगभग एक माह पूर्व वह गुर्दाे की बीमारी से ग्रसित हो गया। जिसके बाद उसे काशीपुर के एक निजी चिकित्सालय में लाया गया। शेफाली ने बताया कि उसे अस्पताल ने यह कहकर दूसरे अस्पताल भेज दिया कि उनके अस्पताल में आयुष्मान से तभी इलाज हो पायेगा जब सरकारी अस्पताल से रैफरल हो। उसके बाद महिला काशीपुर के विभिन्न अस्पतालों के चक्कर काटती रही।

इसके बाद समाजसेवी गगन काम्बोज की मदद से वह हल्द्वानी के सुशीला अस्पताल में अपने बीमार पति को लेकर पहुँची। परन्तु वहां से भी उसे एम्स जाने की सलाह दे दी गई। शेफाली का कहना था कि वह जगह-जगह जाकर थक चुकी है। जबकि पति की हालत बिगड़ती जा रही है। वह गरीब है। उसके पास खाने के लिये भी पैसे नहीं है। जबकि उसके दो छोटे बच्चे भी हैं।

मामला एसडीएम अभय प्रताप सिंह के संज्ञान में आने के बाद उन्होंने तुरंत ही तहसीलदार अक्षय कुमार भट्ट को मौके पर भेजा। तहसीलदार भट्ट ने महिला से जानकारी के बाद एसडीएम को उसकी परेशानी से अवगत कराया जिसके बाद एसडीएम ने बिना देर करे काशीपुर के एक निजी अस्पताल में वार्ता कर मोनू को इलाज के लिये वहां भेज दिया। जहां उसका इलाज शुरू हो गया है।