काशीपुर ब्रेकिंग : गोविंद बल्लभ पंत इंटर कॉलेज के छात्र की कॉलेज में मौत

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विकास अग्रवाल/आकाश गुप्ता
काशीपुर (महानाद) : गोविंद बल्लभ पंत इंटर कॉलेज के छात्र की संदिग्ध परिस्थितियों में कॉलेज में मौत हो गई। एसपी काशीपुर अभय कुमार सिंह पुलिस बल के साथ जांच में जुटे हैं।

बता दें कि आज दोहपर लगभग 12ः30 बजे जब गोविंद बल्लभ पंत इंटर कॉलेज में इंटरवेल हुआ तो मिड डे मील बंटवाने की तैयारियां चल रही थीं। तभी कानूनगोयान निवासी कक्षा 7 का छात्र मोक्ष गुप्ता पुत्र सुबोध गुप्ता चक्कर खाकर गिर गया। छात्रों और अध्यापकों ने उसे होश में लाने की कोशिश की और उसके पिता सुबोध गुप्ता को फोन कर बुलाया और बच्चे को अस्पताल लेजाने की तैयारियां करने लगे। तभी उसके पिता कॉलेज पहुंचे और उसे लेकर विभिन्न अस्पतालों के चक्कर लगाये लेकिन सभी ने बच्चे को मृत घोषित कर दिया। परिजनों के अनुसार डॉक्टर ने कहा कि बच्चे की मौत 1-1.5 घंटे पहले ही हो चुकी है। जिसके बाद बच्चे के परिजन बच्चे को पुनः कॉलेज में ले आये। खबर मिलते ही व्यापार मंडल अध्यक्ष प्रभात साहनी, उपाध्यक्ष जतिन नरूला, राजीव परनामी आदि मौके पर पहुंचे और परिजनों को समझा बुझाकर बच्चे के शव को पोस्टमार्टम के लिए भिजवाया।

सूचना मिलने पर कटोराताल चौकी प्रभारी नवीन बुधानी मौके पर पहुंचे और मामले की जानकारी ली। वहीं, एसपी काशीपुर अभय कुमार सिंह, सीओ वंदना वर्मा भी पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे और कॉलेज के प्रधानाचार्य, शिक्षकों और छात्रों से पूछताछ की।

एसपी काशीपुर अभय कुमार सिंह ने बताया कि एक सातवीं क्लास में पढ़ने वाले बच्चे की मृत्यु हुई है। उसके शव का पंचनामा भरकर पोस्टमार्टम के लिए भिजवा दिया है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने पर ही बच्चे की मौत के कारणों का पता चल सकेगा। कॉलेज में लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज निकलवाई जा रही है। मामले की अच्छे तरीके से जांच की जायेगी।

वहीं कॉलेज के प्रधानाचार्य अजय शंकर कौशिक ने बताया कि 7वीं क्लास का एक बच्चा चक्कर खाकर गिर गया था। फौरन उसके परिजनों को सूचना देकर कॉलेज बुलवाया गया। जिस समय बच्चे के परिजन उसे अस्पताल के लिए ले गये, बच्चा जीवित था, उसके मुंह से झाग निकल रहे थे।

उधर, बच्चे के पिता जहां पर काम करते हैं उस फर्म के स्वामी जोगेन्दर दुआ ने बताया कि स्कूल प्रबंधन ने बच्चे को खुद अस्पताल न ले जाकर बच्चे के पिता को मौके पर बुलाया। तब तक बच्चे की मौत हो चुकी थी। यह स्कूल प्रबंधन की घोर लापरवाही है।