Uttarakhand News: उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले में स्थित दुनिया के सबसे ऊंचे शव मंदिर को तुंगनाथ लेकर बड़ी खबर आ रही है। बताया जा रहा है कि रुद्रप्रयाग में 12 हजार 800 फीट की ऊंचाई पर स्थित तुंगनाथ शिव मंदिर झुक रहा है। मंदिर में 5 से 6 डिग्री तक का झुकाव और परिसर के अंदर बने मूर्तियों और छोटे स्ट्रक्चर में 10 डिग्री तक का झुकाव देखने को मिला है। ये खुलासा आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया (ASI) की तरफ से कराए स्टडी से हुआ है।
मीडिया रिपोर्टस के अनुसार भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI ) द्वारा किए गए एक अध्ययन में पाया गया है कि तुंगनाथ मंदिर (Tungnath Temple) लगभग पांच से छह डिग्री तक झुका हुआ है। इसके अलावा परिसर में छोटी संरचनाएं 10 डिग्री तक झुकी हुई हैं। रिपोर्ट के बाद सरकार ने इसे राष्ट्रीय महत्व के स्मारक के रूप में घोषित करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है और इसके तहत जनता से आपत्तियां मांगने के लिए एक अधिसूचना जारी की है।
गौरतलब है कि तुंगनाथ को दुनिया की सबसे ऊंचे शिव मंदिर का दर्जा प्राप्त है। आठवीं शताब्दी में कत्यूरी शासकों ने इसका निर्माण कराया था। तुंगनाथ मंदिर के इतिहास से जुड़ी पौराणिक किंवदंती के मुताबिक महाभारत युद्ध के बाद पांडव अपने भाइयों व सगे संबंधियों को मारने पर पश्चाताप करने के लिए भगवान शिव की खोज में हिमालय पहुंचे।
भगवान शिव पांडवों को दर्शन नहीं देना चाहते थे, तो उन्होंने भैस का रूप धारण कर लिया। लेकिन पांडवों ने भगवान शिव को पहचान लिया, जिस पर भगवान गुप्तकाशी में जमीन में अदृश्य हो गए, लेकिन पांडवों ने पीछा नहीं छोड़ा और तुंगनाथ में भगवान शिव की भैस रूप में भुजाएं दिखाई दी, तब से यहां पर भगवान की भुजाओं की पूजा होती है।
तुंगनाथ मंदिर क्षेत्र के साथ ही देश-विदेश के लिए आस्था का केंद्र है। हर वर्ष सावन मास में हजारों भक्तजन जलाभिषेक के लिए यहां पहुंचते हैं। साथ ही यहां पूजा अर्चना कराकर अपने परिवार की खुशहाली की कामना करते हैं। बद्री-केदार मंदिर समिति की ओर से तुंगनाथ मंदिर का प्रचार-प्रसार जारी है। ताकि अधिक से अधिक भक्तजन यहां पहुंच सके।