पराग अग्रवाल
जसपुर (महानाद) : पूर्व विधायक ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को पत्र भेजकर जमींदारी विनाश अधिनियम की धारा की श्रेणी परिवर्तित कर तालाब की भूमि पर बसे लोगों को भूमि का मालिकाना हक दिए जाने की मांग की है।
पूर्व विधायक डॉ. शैलेंद्र मोहन सिंघल ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को भेजे पत्र में कहा कि विधानसभा क्षेत्र के अंगदपुर, मुरली वाला, रायपुर, नादेही, राजपुर आदि गांवों के ग्रामीणों ने काफी समय पूर्व से तालाब की भूमि पर अपने आवास बना लिए हैं। काफी ग्रामीणों को भूमि की वास्तविक स्थिति का पता नहीं था कि वह तालाब की भूमि पर निवासरत है। सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के पर तालाब की भूमि खाली कराई जा रही है। सैकड़ों परिवारों के बेघर होने की आशंका है। सभी पीड़ित ग्रामीण तालाब की भूमि के बराबर गैर आबादी क्षेत्र में अपनी भूमि देने को तैयार हैं।
डॉ. सिंघल ने कहा कि शासन द्वारा अतिक्रमण हटाने हेतु विभिन्न शासनादेशों में जमींदारी विनाश अधिनियम की धारा 132 के अंतर्गत आने वाली श्रेणी की भूमि से अतिक्रमण हटाने के निर्देश दिए गए हैं। धारा 132 के अंतर्गत आने वाली भूमि को भूमिधरी वर्ग 1 क में परिवर्तित नहीं किया जा सकता। यदि इस प्रकार की भूमि को 6 (2) में आबादी घोषित की जाए तो इस धारा का कोई उल्लंघन नहीं होगा। इस भूमि पर बसे ग्रामीणों को शासन की योजना के अनुरूप भूमि का स्वामित्व भी दिया जा सकता है।
उन्होंने कहा कि इन बिंदुओं पर विचार के उपरांत यदि सरकार जनहित में जहां कहीं भी सहमति से धारा 161 में प्रदत्त शक्तियों के अनुसार भूमि को आपसी सहमति से स्थानांतरण करने का अधिकार है। उन्होंने मुख्यमंत्री से अधिकारों का प्रयोग करते हुए तालाब की भूमि का स्थानांतरण व्यापक जनहित में करने की मांग की ताकि सैकड़ों ग्रामीणों को उजड़ने से बचाया जा सके।