विकास अग्रवाल
काशीपुर (महानाद) : 8 माह 15 दिन से जेल में बंद धारा 307 के आरोपी को आज जमानत मिल गई।
दिनांक 9.1.2023 से न्यायिक अभिरक्षा (जेल) में बंद केशोवाला मोड़, बाजपुर निवासी शीशराम पुत्र रामभरोसे ने अपने अधिवक्ता वीरेन्द्र कुमार चौहान के माध्यम से न्यायालय प्रथम अपर सत्र न्यायाधीश काशीपुर विनोद कुमार की अदालत में जमानत के लिए प्रार्थनापत्र दाखिल कर न्यायालय से जमानत देने की अपील की।
अपने मुवक्किल शीशराम की ओर से अदालत में पेश हुए अपने अधिवक्ता वीरेन्द्र कुमार चौहान ने बताया कि उनके मुवक्किल को झूठा फंसाया गया है। उनके खिलाफ 10 दिन देर से रिपोर्ट दर्ज करवाई गई और रिपोर्ट देर से दर्ज करवाने का कोई कारण भी नहीं बताया गया।
वहीं अभियोजन पक्ष की ओर से सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता (फौजदारी) रतन सिंह कांबोज ने बताया कि दिनांक 19-04-2022 को अभियुक्त शीशराम ने वादी के चाचा वीर सिंह पर जान से मारने की नीयत से चाकू से वार किया तथा अभियुक्त द्वारा बोरी सिलने के सूजे को वीर सिंह की कलाई पर मारा। मामला गम्भीर प्रकृति का है। अतः जमानत प्रार्थना-पत्र निरस्त किये जाने की याचना की गई।
दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद कोर्ट ने अवलोकन किया कि थाना-बाजपुर पर वादी मुकदमा अशोक कुमार की तहरीर पर एफआईआर धारा-307 आईपसी के तहत नामजद में दर्ज हुई है तथा एफआईआर में घटना दिनांक 19-04-2022 को समय 5.00 बजे की होना बताई गई है, जबकि उक्त घटना की रिपोर्ट दिनांक 29-04-2022 को समय 9.31 बजे लिखाई गई है। घटना की रिपोर्ट लिखाए जाने में लगभग 10 दिन की असाधारण देरी है। सुशीला तिवारी राजकीय चिकित्सालय, हल्द्वानी के डाक्टर द्वारा अपनी मेडिकल रिपोर्ट में दिनांक 19-04-2022 को समय 4.00 बजे हमला होने का जिक्र किया गया है, जबकि वादी मुकदमा द्वारा तहरीर में घटना दिनांक 19-04-2022 की सायं समय 5.00 बजे होनी दर्शित की गई है। इस प्रकार वादी मुकदमा द्वारा तहरीर में उल्लेखित घटना का समय व मेडिकल रिपोर्ट में डाक्टर द्वारा उल्लेखित घटना के समय में भिन्नता है।
कोर्ट ने अभियुक्त शशपाल को जमानत देते हुए कहा कि दिनांक 24-01-2023 लगभग 08 माह 15 दिन से न्यायिक अभिरक्षा में जेल में निरुद्ध हैं। अभियुक्त का कोई आपराधिक इतिहास नहीं है। ऐसी अवस्था में मामले के गुण-दोश पर कोई टिप्पणी किए बिना यह न्यायालय अभियुक्त शीशपाल को 50,000/-रुपये का एक व्यक्तिगत बन्धपत्र तथा इसी राशि के दो जमानती दाखिल करने पर जमानत पर रिहा करने का आदेश देती है।