उत्तराखंड में जल्द ही यूनिफार्म सिविल कोड (UCC) लागू होने वाला है। बताया जा रहा है कि धामी सरकार ने इसे लागू करने की पूरी तैयारी कर ली है। समान नागरिक संहिता के लिए गठित की गई कमेटी अपनी रिपोर्ट यानी ड्राफ्ट मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को एक-दो दिन में सौंप सकती है। धामी सरकार जल्द ही इसे मंजूर करने पर विचार कर रही है।
मीडिया रिपोर्टस के अनुसार मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को उतराखंड में रंजना देसाई के नेतृत्व में बनी समिति अगले एक से दो दिन में रिपोर्ट सौंप सकती है। दो दिन पहले उत्तराखंड स्थापना दिवस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री धामी ने भी यूसीसी को लेकर बड़ा संकेत दिया था। उन्होंने कहा था, समान नागरिक संहिता का ड्राफ्ट लगभग तैयार है। हमारा राज्य आज 23 साल का हो गया है। अपने 23वें वर्ष में उत्तराखंड ने देश के सबसे कड़े नकल विरोधी और धर्मांतरण विरोधी कानूनों को लागू होते देखा है। हमने सरकारी नौकरियों में महिलाओं को 30 प्रतिशत आरक्षण दिया है।
बताया जा रहा है कि समान नागरिक संहिता का मसौदा लगभग तैयार हो गया है। राज्य में धार्मिक पर्यटन को और बढ़ावा दिया जा रहा है। केदारनाथ की तर्ज पर कुमाऊं क्षेत्र के प्राचीन मंदिर को विकसित किया जा रहा है। दीपावली के तुरंत बाद विधानसभा का विशेष सत्र बुलाने की भी तैयारी हो सकती है। इस सत्र में यूनिफार्म सिविल कोड बिल पास होकर कानून का रूप ले सकता है। विधानसभा चुनाव के समय सीएम धामी ने राज्य में यूसीसी लागू करने का वादा किया था। यूसीसी का ड्राफ्ट पहले ही तैयार कराया जा चुका है।
गौरतलब कि उत्तराखंड की ही तर्ज़ पर गुजरात भी यूनिफार्म सिविल कोड लागू करने की दिशा में आगे बढ़ सकता है। राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि गुजरात सरकार लोकसभा चुनाव से पहले अपने राज्य में यूसीसी को लेकर कानून लागू कर सकती है। बताया जा रहा है कि सीएम पुष्कर सिंह धामी ने पिछले महीने यूसीसी को लेकर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के साथ बैठक की थी। इस बैठक में उत्तराखंड यूसीसी समिति की अध्यक्ष रिटायर्ड जज न्यायमूर्ति रंजना देसाई समेत अन्य सदस्य भी मौजूद थे।