नई दिल्ली (महानाद) : अब आप अपनी गाड़ी का रजिस्ट्रेशन BH (भारत) सीरीज में करवा सकते हैं। सड़क परिवहन मंत्रालय ने इसके लिए नोटिफिकेशन जारी कर दिया है। इस नये नोटिफिकेशन के अनुसार रक्षा कर्मियों, केंद्र व राज्य सरकारों के कर्मचारियों, पीएसयू और प्राइवेट सेक्टर की कंपनियों और संस्थानों जिनके ऑफिस 4 या उससे ज्यादा राज्यों में हैं, के कर्मचारी अपनी निजी गाड़ियों का रजिस्ट्रेशन BH (भारत) सीरीज में करा सकते हैं।
सरकार की तरफ से जारी ये नाटिफिकेशन योजना स्वैच्छिक है, अनिवार्य नहीं। अभी जो नियम लागू हैं उसके अनुसार कोई भी वाहन स्वामी अपनी गाड़ी को रजिस्टर्ड राज्य (जहां से उसका रजिस्ट्रेशन जारी हुआ है) के अतिरिक्त अन्य राज्य में अधिकतम 1 साल के लिए ही रख सकता है। यदि उसे एक साल से ज्यादा दूसरे राज्य में रहना है तो उसे फिर से रजिस्ट्रेशन कराना पड़ता है। इसलिए अब सड़क परिवहन मंत्रालय ने BH (भारत) सीरीज को शुरू किया है, जिसके निजी वाहनों का ट्रांसफर बेहद आसानी से और किसी परेशानी के बिना किया जा सके।
जिन लोगों का बार-बार ट्रांसफर होता है और उन्हें अपनी गाड़ी दूसरे राज्यों में ले जानी होती है। उन लोगों को अपने वाहन का रजिस्ट्रेशन ठभ् सीरीज (भारत सीरीज) में कराने के बाद दूसरे राज्य में जाने पर दोबारा रजिस्ट्रेशन की जरूरत नहीं होगी। ऐसे वाहन स्वामियों के पास BH सीरीज का ऑप्शन उपलब्ध होगा। इसके तहत उन्हें दो साल का रोड टैक्स या उससे ज्यादा का भुगतान करना होगा। इसमें वाहन स्वामी को आरटीओ के पास जाने की भी जरूरत नहीं पड़ेगी। इस पूरी प्रक्रिया को ऑनलाइन रखा गया है।
बता दें कि इससे पहले मंत्रालय ने ‘IN’ सीरीज का प्रस्ताव रखा था। इसमें कम से कम पांच राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में ऑफिस वाली निजी फर्मों के कर्मचारियों को इसका फायदा देने का प्रस्ताव रखा गया था। लेकिन आखिरी नोटिफिकेशन में IN को BH से बदल दिया गया है।
अभी निजी वाहनों के रजिस्ट्रेशन के दौरान 15 साल के रोड टैक्स का भुगतान करना होता है। वहीं दूसरे राज्यों में जाने पर उन्हें फिर से 10 या 12 सालों के रोड टैक्स का भुगतान करना होता है, साथ ही रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया से दोबारा गुजरना होता है। जिसके बाद उन्हें पहले राज्य में भुगतान की गई राशि के दावा करने की जरूरत होती है, जिस राज्य में पहले वाहन रजिस्टर्ड था।
अब BH सीरीज में 10 लाख तक की लागत के वाहन के लिए 8 फीसदी, 10 से 20 लाख की गाड़ी के लिए 10 फीसदी तथा 20 लाख से ज्यादा कीमत के वाहनों के लिए 12 फीसदी टैक्स तय किया गया है।
डीजल वाहनों के लिए 2 प्रतिशत अतिरिक्त शुल्क और इलेक्ट्रिक वाहनों पर 2 प्रतिशत कम टैक्स लगाया जाएगा। 14 साल पूरे होने के बाद मोटर वाहन पर सालाना कर लगाया जाएगा, जो पहले वसूल की गई राशि का आधा होगा।