आकाश गुप्ता
काशीपुर (महानाद) : गर्भवती महिला के इलाज में लापरवाही बरतने के मामले में स्वास्थ्य विभाग, प्रशासन व पुलिस की संयुक्त टीम ने एक मल्टी स्पेशलिटी हॉस्पिटल का निरीक्षण कर शिकायतकर्ता के बयान दर्ज किए तथा अस्पताल में अनेक अनियमितताएं पाये जाने पर उसे सील कर दिया।
बता दें कि गड्डा कॉलोनी निवासी मौहम्मद मुस्तकीम ने कोतवाली पुलिस को तहरीर देकर बताया था कि 11 जून की दोपहर को प्रसव पीड़ा होने पर वह अपनी पत्नी खुशनुमा को जसपुर खुर्द, एसडीएम कोर्ट स्थित मस्जिद के पास मैक्स मल्टीस्पेश्लिटी अस्पताल में ले गया था। जहां चिकित्सक ने उससे सात हजार रुपये जमा करने पर आयुष्मान कार्ड से उसकी पत्नी की नॉर्मल डिलीवरी करने की गारंटी दी थी। कुछ समय के बाद डॉक्टर कहने लगा की मरीज का तुरंत ऑपरेशन करना पड़ेगा, वरना शिशु मर सकता है। डॉक्टर ने आयुष्मान कार्ड से इलाज करने से इंकार कर 50 हजार रूपये का इंतजाम करने को कहा। डॉक्टर ने यह भी कहा कि शिशु को भी एनआईसीयू में रखना पडे़गा। यह सुनकर वह अपनी पत्नी से मिलने आईसीयू में गया तो उसकी पत्नी ने बताया कि उसके नीचे प्राईवेट पार्ट में डॉक्टर ने कट लगा दिया है। जिससे बहुत दर्द हो रहा है। उसने डॉक्टर से बात करने का प्रयास किया तो डॉक्टर ने उसके और उसके माता-पिता के साथ अभद्रता कर गाली गलौच की।
डॉक्टर ने उन्हें बताया कि उनका बच्चा पेट में मर चुका है, मरीज को दिल्ली ले जाओ। इसके बाद उसने 108 एंबुलेंस के माध्यम से अपनी पत्नी को सरवरखेड़ा स्थित एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया। जहां डॉक्टरों ने ऑपरेशन कर उसकी पत्नी के पेट से मृत शिशु को बाहर निकाला। पीड़ित ने अस्पताल प्रबंधन पर लापरवाही का आरोप लगाया था जिस पर एक संयुक्त टीम ने अस्पताल का निरीक्षण किया। अस्पताल में मौजूद स्टाफ ने बताया कि खुशनुमा को भर्ती कर जांच उनके द्वारा की गई थी। रीता राय ने बताया कि उनके पास मेडिकल की कोई डिग्री नहीं है। उन्होंने स्वीकार किया कि मरीज की जांच उनके द्वारा की गई थी। जांच टीम ने कहा कि उक्त हॉस्पिटल एकल पद्धति में पंजीकृत है। अस्पताल में ओटी आदि भी मौजूद है। मौके पर कोई पंजीकृत चिकित्सक और स्टाफ मौजूद नहीं था। झोला छाप की तरह अस्पताल संचालित किया जा रहा था। अस्पताल को मौके पर सील/सीज किया गया।
टीम में एसीएमओ डॉ. हरेंद्र मलिक, नायब तहसीलदार भुवन चंद्र आर्या, एसआई प्रदीप कुमार भट्ट आदि शामिल थे।